शाठी-पाशी का भव्य मिलन समारोह , टटियाना में हजारों लोग बने साक्षी

शाठी-पाशी का भव्य मिलन समारोह , टटियाना में हजारों लोग बने साक्षी

 अक्स न्यूज   लाइन ..नाहन  01 जुलाई  - 2023
वैसे तो समूचा हिमाचल प्रदेश अपनी प्राचीन और पुरातन संस्कृति के लिए जाना जाता है , लेकिन यदि जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की बात करते हैं , तो जिला का गिरिपार का इलाका आज भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोयें रखे हुए है। यदि हम बात करते हैं कौरव और पांडव वंशजों ( शाठी-पाशी ) की तो करीब एक शताब्दी के बाद जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के टटियाना गांव में कौरव पांडव वंशजों का मिलन हुआ। इस भव्य मिलन समारोह में जिला सिरमौर , शिमला और  उत्तराखंड के भी हजारों लोगों ने शिरकत की। बताते हैं कि इस शांत महायज्ञ में शाठी-पाशी के मिलन के पर्व पर करीब 400 गांव के ग्रामीण एकत्रित हुए। आपको बता दें की शाठी कौरव वंशज बनाए जाते हैं , जबकि पाशी पांडव वंशज है। 
बताते हैं कि हिमालय के पहाड़ों को काली माता का निवास माना जाता है और काली माता को ठारी स्वरूप पूजा जाता है। ग्रामीणों के मुताबिक माता को खुश करने के लिए शांत महायज्ञ का आयोजन किया जाता है। बताते हैं कि इस शाठी-पाशी के मिलन में करीब 30 से 40 हजार लोग एकत्रित हुए हैं। जानकारी के मुताबिक टटियाना गांव में चल रहे मिलन समारोह के हजारों लोग साक्षी बने। स्थानीय ग्रामीणों में मायाराम शर्मा , अनिल शर्मा , ओमप्रकाश,  रमेश शर्मा , गुमान सिंह शर्मा और कपिल शर्मा आदि ने बताया की इस शाठी-पाशी मिलन समारोह के लिए ग्रामीणों द्वारा करीब 400 गांव के लोगों को न्योता भेजा गया है। 
 मिलन समारोह में हजारों लोगों ने शिरकत की। जानकारी के मुताबिक शाठी-पाशी का यह कार्यक्रम एक सदी के बाद मनाया गया। बताते हैं कि रियासत काल के दौरान जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में जब रजवाड़ा शाही थी उस दौरान टटियाना गांव में एक चौंतरा बनाया गया था जिसे न्याय का प्रतीक माना जाता है। बताते हैं कि इस चोंतरें में चार बिरादरी के लोग बैठकर न्याय करते थे।  शाठी-पाशी मिलन समारोह में 1 जुलाई को भंडारे में कमरऊ  तहसील के अंतर्गत आने वाले और रेणुका के लोगों के ग्रामीण मौजूद रहेंगे। वही 2 जुलाई को होने वाले भंडारे में जौनसार बाबर और शिलाई तहसील के लोगों के अलावा अन्य बिरादरी के लोगों के शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है। 
 समूचे प्रदेश में हो रही बारिश शांत महायज्ञ में केवल बूंदाबांदी 
इन दिनों बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और मानसून ने दस्तक दे दी है , जिसके चलते हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हो रही है , लेकिन हैरत की बात तो यह है कि टटियाणा गांव में जहां पिछले तीन दिनों से शांत महायज्ञ चल रहा है। इस दौरान यहां पर किसी भी प्रकार की कोई बारिश नहीं हुई है केवल मात्र बूंदाबांदी होती रही। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल उनकी आस्था नहीं , बल्कि ठारी माता का आशीर्वाद है कि केवल मात्र बूंदाबांदी हुई। 
इसे न्याय का चौंतरा भी कहा जाता है।  ठारी माता और महासू देवता के आशीर्वाद के चलते बरसात के मौसम में भी यहां पर मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहा। इस दौरान न केवल जिला सिरमौर इलाके से हजारों लोग शांत महायज्ञ में दस्तक दे चुके हैं। कल 2 जुलाई को इस कार्यक्रम का समापन होगा। मजेदार बात तो यह है कि इस कार्यक्रम में कोई मुख्य अतिथि नहीं होता , सब अतिथियों को एक समान आदर और सत्कार किया जाता है। यज्ञ करीब 120 वर्षों के उपरांत आयोजित किया जा रहा है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक  कार्यक्रम है।