अक्स न्यूज लाइन शिमला 28 अक्टूबर :
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने नेहरू-गांधी परिवार को सत्ता में रखने के लिए लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल को हाशिये पर धकेल दिया। देश को इस निर्णय की भारी कीमत चुकानी पड़ी। पाक अधिकृत कश्मीर के रूप में व हजारों-हजार सैनिकों के बलिदान के रूप में कांग्रेस की इस स्वार्थ की नीति का भुगतान देश को करना पड़ा। 31 अक्तूबर को पूरा भारत सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती की ओर अग्रसर है। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल वो महान नेता रहे, जिन्होनें ता-ऊम्र अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया और 1947 में आजादी मिलने के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए सर्वस्व समर्पण किया। हमें स्मरण है कि देश की सैंकड़ों रियासतों को भारतीय लोकतंत्र के अधीन लाने के लिए सारा का सारा नेतृत्व सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा किया गया और जहां-जहां सरदार को रोका गया, वहां-वहां समस्यायें खड़ी हुई। हमें स्मरण है हैदराबाद क्षेत्र का जब निजाम हैदराबाद ने भारत की संप्रभुता स्वीकार करने में आना-कानी की और सरदार ने तुरन्त फौजों को आदेश देकर 24 घंटे में हैदराबाद को भारत का अभिन्न अंग बनाने में सफलता हासिल की।
हमें स्मरण है किस तरह जम्मू-कश्मीर की समस्या को पं० जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा पैदा किया गया। जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह जी ने बकायदा लिखित रूप में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की घोषणा की, उसके बावजूद मोहम्मद अली जिन्नाह के दबाव में आकर विषय को लटकाया गया। यह सरदार ही थे जिन्होनें जम्मू-कश्मीर को भारत के अंतर्गत लिया। आजादी के तुरंत बाद जब पाकिस्तान ने कबायिलियों के माध्यम से कश्मीर पर हमला किया और कश्मीर को पाकिस्तान के कब्जे में लाने लगे तो ये सरदार वल्लभ भाई पटेल ही थे जिन्होनें फौजों को हुक्म देकर कबायिलियों को खदेड़ा। पं० नेहरू जी ने फिर हस्तक्षेप किया और भारत की ओर से एक तरफा युद्धबंदी की घोषणा कर दी जबकि सरदार पटेल चाहते थे कि 24 घंटे और युद्ध चलेगा तो कश्मीर पूरी तरह भारत के साथ होगा, परन्तु नेहरू जी ने अदूरदर्शिता का परिचय देते हुए युद्ध बंद करने के आदेश दिए और पाक अधिकृत कश्मीर (पी०ओ०के०) 75 वर्ष बाद भी देश के लिए नासूर बना है। देश ने इसी के कारण अनेक युद्धों का सामना किया और लगातार देश छदम युद्ध लड़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार इस पाक प्रायोजित छदम युद्ध / आतंकवाद में लगभग 60 हजार सैनिक बलिदान हो चुके हैं और पाक अधिकृत कश्मीर की समस्या ज्यों की त्यों बनी है। काश देश का नेतृत्व सरदार पटेल के हाथों में होता तो देश कई गुना ज्यादा मजबूत होता। कांग्रेस पार्टी द्वारा एक परिवार को देश की बागडोर संभाल देने के कारण अनेकों राष्ट्रव्यापी समस्याओं से देश जूझ रहा है। नेता जी सुभाष चंद्र बोस को हाशिये पर धकेल देना, स्वतंत्र वीर सावरकर को और उनके साथ जुड़े क्रांतिकारियों को देशद्रोही करार देना, सरदार वल्लभ भाई पटेल को देशहित में निर्णय न लेने देना, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (जो उस समय नेहरू मंत्रिमण्डल में मंत्री थे) की बात को न मानते हुए कश्मीर में धारा 370 लागू कर देना जैसे अनेक निर्णय आज देश पर भारी पड़ रहे हैं।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्रद्धेय नरेन्द्र मोदी जी ने सरदार पटेल की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार सरोवर में स्थापित करके उनके योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। मोदी जी ने आहवान किया है "रन फॉर यूनिटी" के माध्यम से पूरा देश सरदार को नमन करे व राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति का जज्बा एक बार फिर नौजवानो में आगे बढ़े।
भारतीय जनता पार्टी 29 अक्तूबर को "रन फॉर यूनिटी" की दौड़ के कार्यक्रम पूरे हिमाचल प्रदेश में मनाएगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्री त्रिलोक कपूर जी इस कार्यक्रम के संयोजक होंगे व युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री तिलक राज जी इसके सह-संयोजक होंगे। भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में "रन फॉर यूनिटी" की दौड़ होगी।