प्रदेश के लोगों का लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों में अटूट विश्वास है : राज्यपाल
हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रदेश के लोगों का लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों में अटूट विश्वास है तथा समानता, ईमानदारी एवं कर्तव्य परायणता की भावना कूट-कूटकर भरी है।
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में यह देखा गया है कि प्रदेश के लोगों की चुनाव की स्वच्छ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर भाग लेकर अपनी सरकार बनाने में पूर्ण आस्था है। इस सांविधानिक प्रक्रिया में विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं का मतदान के प्रति उत्साह प्रशंसनीय रहा है। हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली महान है जो हम सबके लिए गर्व की बात है।
प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया का शांतिपूर्वक संपन्न होना प्रदेश की जनता की परिपक्व सोच को दर्शाता है जिसके लिए मैं इस देवभूमि के लोगों को बधाई देता हूं। उन्होंने आगे कहा- मुझे यह बताने में हर्ष हो रहा है कि वर्तमान विधानसभा में कई युवा सदस्य चुनकर आए हैं और सरकार का नेतृत्व भी युवा मुख्य मंत्री कर रहे हैं।
जनता की ओर से दिए गए इस जनादेश से आप सभी पर अपने-अपने क्षेत्र और इस प्रदेश के विकास की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मेरी सरकार अपनी नीतियों की उपयोगी एवं रचनात्मक आलोचना के प्रति हमेशा सजग रहेगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी सदस्यगण इस माननीय सदन में चर्चाओं के दौरान अपना सार्थक योगदान देंगे।
प्रदेश के विकास के लिए सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों साथ-साथ एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े और अपना समय इस बात पर लगाएं कि प्रदेश को आगे कैसे ले जाना है। यह चुनाव बेहद सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए हैं, आगे भी प्रदेश हित में विचार किया जाए कि कैसे प्रदेश का प्रत्येक नागरिक संपन्न, सुशिक्षित, सुरक्षित, स्वस्थ, सुशासित और श्रेष्ठ बन सके। विपक्ष को चाहिए कि वो ऐसे ठोस व रचनात्मक सुझाव दें जिनसे सरकार को नीति निर्धारण में पूर्ण सहयोग मिले।
प्रदेश में एक नई शुरुआत हुई है। मेरी सरकार का यह मत है कि यह सत्ता का नहीं बल्कि व्यवस्था का परिवर्तन है। मुझे विश्वास है कि इससे प्रदेश में आप सब के सहयोग से उन्नति और विकास का एक नया मार्ग प्रशस्त होगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने हाल ही में कार्यभार संभाला है। परंतु इस कम अवधि में भी लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें स्वच्छ प्रशासन देने के उद्देश्य से ठोस कार्रवाई करने के लिए सरकार की ओर से कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सरकार चुनाव में घोषित किए गए पार्टी के ‘प्रतिज्ञा पत्र’ को एक नीतिगत दस्तावेज बनाकर कार्य करेगी।
रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए मेरी सरकार चरणबद्ध रूप में आर्थिकी के सभी क्षेत्रों में नवीन रोजगार कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देगी। प्रदेश की क्षमताओं और अपार संभावनाओं का समुचित विकास कर लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश का हर नागरिक इस विकास यात्रा में समान रूप से सहभागी होगा।
प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता होगी। भ्रष्टाचार से प्रदेशवासियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए शासन-प्रशासन की दशा और दिशा सुधारी जाएगी। सरकार का यह प्रयास रहेगा कि प्रदेश में प्रभावी, पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन तंत्र स्थापित किया जाए तथा समाज के हर वर्ग की भागीदारी से विकास कार्यों का प्रभावी और पारदर्शी ढंग से कार्यान्वयन किया जाएगा।
मेरी सरकार का मानना है कि कर्मचारी सरकार की रीढ़ होते हैं। सरकार कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखेगी तथा उनकी जायज समस्याओं एवं मांगों पर सदैव सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी, लेकिन दक्षता एवं अनुशासन के साथ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।
हमारे प्रदेश की जनता हमेशा ही प्रगतिशील नीतियों की समर्थक रही है। प्रदेश में स्वावलम्बन, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय के साथ सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें जनादेश प्राप्त हुआ है। प्रदेश सरकार का यह प्रयास रहेगा कि तेजी से बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश लगाया जाए तथा विकास परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा किया जाए। महंगाई को नियंत्रित करने तथा आम आदमी को महंगाई से राहत दिलाने के लिए मेरी सरकार ठोस उपाय करेगी।
मेरी सरकार युवा शक्ति को विकास का आधार मानती है, इसलिए सरकार का यह प्रयास रहेगा कि हिमाचली युवक न सिर्फ रोजगार पाने में बल्कि रोजगार निर्माण में भी सक्षम हों। जिसके लिए मेरी सरकार ने रोजगार के नए अवसर सृजित करने की दिशा में अमल शुरू कर दिया है। एक तरफ तो विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को युद्ध स्तर पर भरा जाएगा व दूसरी ओर हर क्षेत्र में रोजगार सृजन पर भी बल होगा।
आर्लेकर ने कहा कि सरकार महिलाओं को विकास में समान भागीदारी दिलवाने के लिए सभी समुचित कदम उठाने के लिए संकल्पबद्ध है। सरकार देश की रक्षा में हिमाचल के वीर पुत्रों के अतुल्य योगदान को नमन करती है तथा सेना के जवानों और सेवानिवृत सैनिकों व अर्धसैनिक बलों में कार्यरत समस्त हिमाचल के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए समुचित कदम उठाएगी।
राज्यपाल ने कहा हमारा प्रदेश मुख्यतः बागवानी एवं कृषि आर्थिकी पर आधारित है तथा जनसंख्या का एक बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिए कृषि, बागवानी, सब्जी उत्पादन, पुष्प उत्पादन, पशुपालन, मत्स्यपालन व अन्य संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर है। मेरी सरकार ऐसी नीतियां बनाएगी जिनसे प्रदेश के लाखों छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा हो सके।
हिमाचल प्रदेश को भारत के फल राज्य के रूप में भी जाना जाता है तथा मेरी सरकार बागवानी क्षेत्र को व्यापक प्रोत्साहन देगी। राज्य में अनुकूल वातावरण का निर्माण कर औद्योगिक निवेश को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या गांवों में बसती है। ग्रामीण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए समुचित पग उठाए जाएंगे। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी कि विकास के लाभ किसान, बागवान, मजदूर, बेरोजगार तथा समाज की अंतिम पंक्त में खड़े प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच सकें।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सरकार भावी पीढ़ी के हितों की रक्षा के लिए समुचित कदम उठाएगी। प्रदेश में बढ़ते अवैध कटान तथा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के गंभीर अपराधों से निपटने के लिए मेरी सरकार की ओर से कारगर कदम उठाए जाएंगे।
प्रदेश में इलैक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढ़ाने की दिशा में कार्य योजना तैयार कर उचित कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए समुचित आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। प्रदेश की समस्याओं के प्रति सरकार पूरी तरह से जागरूक है तथा इनके समाधान के लिए उचित प्रयास किए जाएंगे।
सरकार चुनाव में जनता से किए गए वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है। हमारे ‘प्रतिज्ञा पत्र’ में दी गई गारंटियों को पूरा करने के लिए विभिन्न नीतियों को किस प्रकार लागू किया जाएगा, इसके विस्तृत स्वरूप पर निकट भविष्य में सरकार की ओर से नियमित बजट प्रस्तुत करते समय चर्चा की जाएगी।
इससे पहले सदन में 11:00 बजे के बाद तीन प्रस्ताव कुलदीप सिंह पठानिया को विधानसभा अध्यक्ष बनाने के लिए रखे गए। इस दौरान प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पहला प्रस्ताव पेश किया कि कुलदीप सिंह पठानिया विधानसभा अध्यक्ष होंगे। इसका अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाजपा विधायक दल की ओर से किया।
दूसरा प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पेश किया। इसका अनुमोदन शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने किया। इसके बाद सोलन के कांग्रेस विधायक धनीराम शांडिल ने तीसरा प्रस्ताव पेश किया। इसका अनुमोदन सुलाह के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद कुलदीप सिंह पठानिया को सुक्खू और जयराम ठाकुर ने आसन पर बिठाया।
सुक्खू हाथ पकड़कर पठानिया को आसन तक ले गए। जयराम ठाकुर भी साथ वहां तक गए। सुखविंद्र सिंह सुक्खू और जयराम ठाकुर दोनों ने पठानिया को शुभकामनाएं दीं।