मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवानी है तो 10 रुपए साथ लायें.. स्कैनर रखने से परहेज क्यों..

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवानी है तो 10 रुपए साथ लायें.. स्कैनर रखने से परहेज क्यों..

अक्स न्यूज लाइन  नाहन  21 जुलाई  :

मेडिकल कॉलेज नाहन में ओपीडी की पर्ची बनवाने के 10 रुपये नगद देने की डिमांड की जा रही है। इसके लिए काउंटर पर बकायदा लिखा भी गया है। हैरानी की बात है कि डिजिटल इंडिया के दौर में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ओपीडी काउंटर पर रोजाना  आने वाले सैकड़ों रोगियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पेमेंट के लिए स्कैनर की सुविधा देने में परहेज क्यों कर रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार रोजाना ओपीडी काउंटर पर करीब 1200 से 1500 तक रोगी आपनी स्वास्थ्य जांच के लिए पर्ची बनवाने के लिए लाइन में लगते है। 10 रुपये नकद देने का जंझट बेवज़ह है। वर्तमान में 90 पप्रतिशत से ज्यादा लोग गूगल से ऑनलाइन पेमेंट करते है। खुले पैसे जेब मे ऱखने का रिवाज नही रहा है।

उधर काउन्टर पर पर्ची बनाने के लिए बैठ स्टाफ की परेशानी बढ़ी है। आये दिन कैश शर्ट  हो जाता है, बैंक फटे पुराने नोट रिजेक्ट कर देता है। ऐसी भी शिकायतें मिली है कि युवा वर्ग जिनमें छात्र भी शामिल होते हैं प्लीज करके पर्ची तो बनवा लेते है लेकिन 10 रुपये देने वापस नही आते ऐसे यह राशि भी स्टाफ़ को अपनी पॉकेट से देनी पड़ती है।
 
उधर बहुत से रोगी पर्ची के लिए लाइन में लगे रहते है लेकिन जब उनका नम्बर आता है तो उनके पास 10 रुपये खुले नहीं होते उनको लाइन बाहर होना पड़ता है। फिर 10 रुपये का इंतजाम करके फिर लाईन में लगते हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सैकड़ो रोगियों की नगद की समस्या से बाहर निकलना चाहिए इससे लिए ओपीड़ी काउंटर पर स्कैनर की व्यवस्था करें।
 
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कार्यकारी एमएस डॉ अरविंद कंवर ने कहा कि इस मामले को आरकेएस की मीटिंग में रखगें ताकि ओपीडी में आने वाले रोगियों को स्कैनर की सुविधा उपलब्ध हो सके।