सूक्खु सरकार पर भीख मांगने के आरोप : श्री रेणूका जी के आयोजन के लिए अधिकारी मांग रहे दान, विनय गुप्ता ने आड़े हाथों लिया..
अक्स न्यूज लाइन नाहन 30 अक्तूबर :
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने अब पंचायत स्तर तक भीख मांगनी शुरू कर दी है । यह आरोप लगाते हुए हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विनय गुप्ता ने बताया कि अब अंतरराष्ट्रीय मेलों के आयोजन के लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने अधिकारियों से भीख मंगवा रही है और ऐसा हिमाचल के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब किसी अंतरराष्ट्रीय मेले के आयोजन के लिए पंचायत स्तर तक लोगों से सरकार द्वारा भगवान् के नाम पर दान मांगा जा रहा है ।
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय रेणुका मेले के आयोजन के संबंध में भी सिरमौर के पंचायत अधिकारी द्वारा जिले के खंड विकास अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि मेले के आयोजन के लिए पंचायतों से दान राशि एकत्रित की जाए और इसी तर्ज पर सभी खंड विकास अधिकारियों ने जिले की सभी पंचायतों को पत्र लिखा है जिसमें रेणुका मेले के आयोजन के लिए दान राशि देने का आदेश किया गया है।
विनय गुप्ता ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का यह नया जरिया ढूंढ लिया है। प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि रेणुका मेले के आयोजन के लिए आज तक कभी भी इस प्रकार के फरमान जारी नहीं हुए और सरकार अपने स्तर पर मेले के आयोजन का खर्चा उठती थी परंतु इस बार यह पहली मर्तबा हो रहा है जब इस अन्तर्राष्ट्रीय मेले के आयोजन के लिए सुक्खू सरकार ने अधिकारियों को भीख मांगने पर मजबूर किया है और यह पंचायतों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का भी एक नया तरीका निकाला गया है।
विनय गुप्ता ने बताया की रेणुका मेला कमेटी द्वारा मेला मैदान में प्लाटों की बिक्री से ही 68 लाख से अधिक की धनराशि एकत्रित की गई है जबकि करोड़ों रुपया स्मारिका छाप कर औद्योगिक इकाइयों से इकट्ठा किया जा रहा है परंतु इतना पैसा इकट्ठा होने के बावजूद इस सुक्खू सरकार ने पंचायत स्तर तक भीख मांग कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का नया रास्ता ढूंढा है ।
गुप्ता ने कहा कि इससे माँ रेणुका और भगवान परशुराम से जुड़ी आस्था को भी ठेस पहुंची है और लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके गांव-गांव से भीख के जरिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। विनय गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष ही इस सरकार ने राज्य के अनेक धार्मिक मंदिरों से सरकारी योजनाओं को चलाने के लिए उपायुक्तों को पत्र लिखकर सरकार को पैसा देने का फरमान जारी किया था जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को भारी ठेस पहुंची थी और अब भगवान परशुराम जी और मां रेणुका के नाम से आयोजित होने वाले रेणुका मिले के आयोजन के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की यह निकम्मी सरकार अब पूरी तरह से आर्थिक दिवालिया हो चुकी है और इसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।





