डोर- टू -डोर गारेबज स्कीम को लग रहा है झटका ...... शहर में पढ़े लिखे लोग भी खुले में कचरा फेंकना में पीछे नहीं है
नाहन, 6 जुलाई : शहर में पढ़े लिखे लोग भी खुले में कचरा फेंकना में पीछे नहीं है । आरोप है कि यह बुद्धिजीवी वर्ग सिस्टम को कोसने में कोई कसर नही रखे हैं। पर्यावरण व प्रदूषण जैसे विषयों को लेकर भाषण भी झाड़ रहे है। लेकिन अपने घरों से निकलने वाले कचरे को नप के वाहनों को नही दे रहे हैं ओर अपने घरो के आसपास सड़कों व गलियों में फेंक देते हैं। यही वजह है कि आज नगर परिषद की डोर टू डोर गारेबज स्कीम की झटका लग रहा है।
मिसाल के तौर पर नया बाजार, महालत वाली सड़क ,गुन्नुघाट में मेडिकल कॉलेज मार्ग, कच्चा टैैंक सरकारी स्कुल के नजदीक पर हालत दयनीय बने है। जबकि नगर परिषद स्कीम के तहत बेहतर काम कर रही है। सफ ाई कर्मचारियों ने बताया कि लोगों को गिला सुख कचरा अलग अलग नही देते। लोग कहते हैं कि हमारे पास इसके लिए टाइम नही है। सफाई क र्मचारियों को फ टकारने लगते हैं।
गिला सूखा एक साथ कचरा प्रबंधन नही करते लोग
नगर परिषद कई साल से लोगों से आग्रह कर रही है कि लोग अपने घरों से गिला व सूखा कचरा अलग बैग में भर कर दिया करें । लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पहले तो लोग नप को वाहन में डस्टबिन के जरिए गिला सूखा एक साथ फेंक रहे। कुछ लोग एक बैग में भरकर ला रहे है। शुल्क न देने वाले खुले में फेंक कर काम चला रहे हैं।
गिला व सूखा कचरा अलग अलग बैग में भरकर देने वालों की संख्या कम ही है। उधर नीजि स्तर पर घरों में लगे सफाई कर्मी भी अक्सर रोजाना घरों से कचरा खुले में डालकर चलते बनते है आरोप है लोग नप द्वारा तय फीस नही देना चाहते ऐसे में अपने घरों का कचरा घरों में लगे सफाई कर्मी को फेंकने को दे रहे है।
नगर परिषद के बहुत से सफ ाई कर्मचारी डयूटी के दौरान धूम्रपान करने से बाज नहीं आते। जबकि सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान करने में प्रतिबध है । कोरोना काल तो यह ओर भी खतरनाक है। अन्य लोगों के लिए बीडी सिगरेट का धुआं हानिकारक है लेकिन सफाई कर्मियों को किसी का ख़ौफ नही है।
- डोर टू डोर गारबेज स्कीम के अच्छे परिणाम मिले हैं। बहुत से लोगों का सहयोग नहीं मिल रहा है। खुले में कचरा डालने वाले लोगों के चालान कटेगें। लगातार अपील की जा रही है। ड्यूटी पर घेम करने वाले सफ ाई कर्मचारियों से जवाब तलब होगा।
-अविनाश गुप्ता उपाध्यक्ष,नगर परिषद नाहन