नोहराधार में ट्राउट फिश फार्म का निरीक्षण कर कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बढ़ाया किसानों का हौसला

नोहराधार में ट्राउट फिश फार्म का निरीक्षण कर कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बढ़ाया किसानों का हौसला

मत्स्य पालन में भी सिरमौर जिला बने सिरमौर: वीरेंद्र कंवर
 नाहन, 7 जुलाई  :जिला सिरमौर कृषि व नगदी फसलों के बाद मत्स्य क्षेत्र में भी देश का सिरमौर बने इसके लिए प्रदेश सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिए तैयार है। यह उद्गार कृषिए पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वीरेंद्र कंवर ने नोहराधार के समीप चौरास में ट्राउट फिश फार्म का निरीक्षण करने के दौरान कही।  विरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला सिरमौर के किसान एवं बागवान वीरेंद्र सिंह व  जितेंद्र ठाकुर ने नोहराधार के समीप ट्राउट फिश फार्म बनाकर लोगों के लिए मत्स्य पालन की राह आसान की है। इसके साथ ही विरेंद्र सिंह ने अपने ट्राउट फिश फार्म में नियमित तौर पर 12 लोगों को रोजगार भी दिया है।

करीब ढाई करोड़ के इस प्रोजेक्ट में विरेंद्र सिंह ने करीब 45 लाख रुपए अपने भी खर्च किए हैं। करीब 2 करोड रुपए की सब्सिडी ट्राउट फिश फार्म लगाने के उन्हें प्रदेश सरकार के मत्स्य विभाग से मिली है। वर्तमान में नोहराधार के किसान विरेंद्र सिंह के ट्राउट फिश फार्म पर 60ए000 फिश का सीड 12 टैंको में तैयार किया जा रहा है। जिसमें से 20ए000 ट्राउट तैयार हो चुकी है। अब वह प्रतिमाह 200 किलो ट्राउट फिश चंडीगढ़ए दिल्लीए शिमलाए सोलन व कसौली के होटलों में डिमांड के अनुसार भेजी जा रही है।

जिससे प्रतिमाह 1 लाख रुपए वीरेंद्र सिंह कमा रहे हैं। भविष्य में यह आय और अधिक बढ़ जाएगी। पशुपालनए कृषि एवं मत्स्य मंत्री ने ट्राउट फिश फार्म का निरीक्षण करने के बाद स्थानीय किसान वीरेंद्र सिंह को ट्राउट फिश फार्म तैयार करने पर बधाई दी व साथ ही कहा कि ट्राउट फिश को ले जाने के लिए आइस फ्रिज बनाने के लिए भी सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के मत्स्य पालकों को यातायात पर भी सब्सिडी दिए जाने पर सरकार विचार कर रही है।

किसान विरेंद्र सिंह ने बताया कि वह परिवार के सदस्यों के साथ कुछ वर्ष पूर्व लेह लद्दाख से वापस आ रहे थे। इस दौरान उन्होंने मनाली के पतलीकुहल में ट्राउट फिश फार्म देखा तथा उन्होंने इसके बारे में जानकारी हासिल की। तो उन्हें पता चला कि ट्राउट फिश बर्फ के पानी मैं अच्छी तरह तैयार होती है।  उनके पास भी जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार से पिघल कराने वाले बर्फ का पानी थाए जो कि उनकी जमीन चौरास के साथ नाले में बहता था।  उन्होंने बेकार बहते हुए पानी को टैंको में एकत्रित कर मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू किया। जो कि अब उन्हें आय भी देने लग पड़ा है।

किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हाल ही में उन्होंने अपने फार्म में फिश फीड मिल लगाई है। जिससे कि वह ट्राउट फिश को देने वाली सीड को तैयार कर रहे हैं। भविष्य में ट्राउट फिश के सीड को तैयार करने वाली हैचरी का निर्माण भी करेंगे। स्थानीय निवासी विरेंद्र सिंह ने कृषि व पशुपालन मंत्री का ट्राउट फिश फार्म पर निरीक्षण करने तथा उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए आभार जताया।