मुहर्रम का जुलूस निकाला -हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद दिलाता है
नाहन,9 अगस्त :हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद क रते हुए जिला मुख्यालय में मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों का जुलूस निकाला। इस मौके पर समुदाय के सैंकडों लोगों ने शिरकत की। युवा तबके
ने जुलूस में ताजियों के सामने हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मातम किया। इस मौके पर मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी अध्यक्ष कैप्टन सलीम अहमद ने बताया कि मुहर्रम कोई त्यौहार नहीं अपितु मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर हिजरी साल के पहले महीने का नाम है। इस महीने से इस्लामिक साल शुरू होता है। ये गम का महीना है क्योंकि इस माह में हजरत इमाम हुसैन ने अपने परिवार को साथ लेकर जुल्मी, अत्याचारी व बेइंसाफ शासक यजीद को जनता पर जुल्म करने से रोकने के लिए जंग की और बुराई पर इन्साफ की लड़ाई लड़ते हुए मुहर्रम की 10 तारीख को शहीद हुए थे। उनकी याद को ताजा करने के लिए ताजिये निकाले जाते हैं। अहमद ने बताया की
मुस्लिम समुदाय में दो मत है । सुन्नी और शिया मुहर्रम की पहली तारीख से शिया समुदाय के लोग काला लिवास पहनते है और इस महीने दोनो समुदाय सुन्नी व् शिया कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं।
नाहन में सुन्नी समुदाय के लोग निकालते है ताजिए
नाहन शहर देश को एक साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल पेश करता है क्योंकि यहाँ शिया समुदाय के न होते हुए भी सुन्नी समुदाय के लोग रियासत काल से इस ताजियादारी की रिवायत को निभाते आ रहे हैं। नाहन शहर में ताजिये निकालने की रिवायत को निभाने के लिए बाकायदा हर मोहल्ले में ताजिया कमेटियों का गठन किया गया है जो इस रिवायत को सुचारू रूप से निभाने के लिए काम करते हैं। और इन्ही कमेटियों के प्रबंधन के अंतर्गत हर साल गुन्नू घाटए हरिपुरए रानीताल व कच्चा टैंक मोहल्ले से 4 ताजिये निकाले जाते हैं। ताजियों के सफर में हजरत इमाम हुसैन को याद करके मरसियों पढ़ा जाता है। इस मौके पर जगह.जगह लोग नियाज व शरबत का वितरण करते हैं। मोहर्रम की 10 तारीख की सुबह मुस्लिम समुदाय के लोग अपने पूर्वजों व सगे सम्बन्धियों की कब्रों पर जाते हैं उनको साफ सुथरा करके उनको इसाले सवाब पहुंचाते हैं। इस ताजियों के जुलूस में सभी सम्प्रदायों के लोग शामिल होते हैं जो की सांप्रदायिक सद्भावना को मजबूत करता है और अपने आप में एक अनोखी मिसाल है।
इस मौके पर अंजुमन इस्लामिया के सदर गुलमुनव्वर, ताजिया कमिटी के प्रधान, सदस्य व हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के सलाहकार नसीम दीदान , उपाध्यक्ष शकील अहमद शेख उपस्थित रहे ।