रेत-बजरी पर लगेगा अतिरिक्त टैक्स , माइनिंग विंग तैयार करेगा कार्य योजना : हर्षवर्धन
अक्स न्यूज लाइन -- शिमला, 02 मई - 2023
अपने संसाधन बढ़ाने के लिए हिमाचल सरकार ने अब खनन के क्षेत्र में भी कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। सोमवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने राज्य सचिवालय में उद्योग विभाग के माइनिंग विंग की पहली समीक्षा बैठक की, जिसमें राजस्व बढ़ाने की एक कार्ययोजना तय की गई है।
उद्योग मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि संसाधन बढ़ाने के लिए माइनिंग विंग एक कार्य योजना बनाकर दे। यह भी चर्चा हुई कि राज्य में मौजूद 400 से ज्यादा स्टोन क्रशर और इतनी ही माइनिंग लीज पर निगरानी बढ़ाई जाए। अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश उद्योग मंत्री ने दिए हैं। रिवर बेड माइनिंग को लेकर भी प्रक्रिया बदली जा सकती है। राज्य के बाहर से हिमाचल में आने वाली रेत और बजरी पर टैक्स या अतिरिक्त सेस लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस फार्मूले को माइनिंग विंग वर्कआउट कर वापस सरकार को बताएगा।
उसके बाद ही अंतिम आदेश जारी होंगे। वर्तमान में हिमाचल के सीमावर्ती जिलों में सोलन और शिमला में राज्य के बाहर से रेत और बजरी सबसे ज्यादा आती है। बॉर्डर जिलों ऊना और कांगड़ा से रेत-बजरी आने के बजाय बाहर जाती है। इसलिए आने वाली रेत और बजरी पर सेस लगाने से ज्यादा जिलों पर असर नहीं पड़ेगा। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने विभाग से ऐसे और भी स्रोत की जानकारी मांगी है, जिन पर टैक्स लगाकर या प्रक्रिया को बदलकर राजस्व जुटाया जा सकता है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सभी मंत्रियों को राजस्व वृद्धि के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत उद्योग विभाग में भी अब फैसले हो रहे हैं। बैठक में उद्योग विभाग के सचिव आरडी नजीम , उद्योग निदेशक राकेश प्रजापति, स्टेट जियोलॉजिस्ट पुनीत गुलेरिया इत्यादि अधिकारी शामिल थे।