सांस्कृतिक संस्था मांडव्य कला मंच को.......चंडीगढ़ में सम्मानित किया .....

सांस्कृतिक संस्था मांडव्य  कला मंच को.......चंडीगढ़ में सम्मानित किया .....

  अक्स न्यूज लाइन -- चण्डीगढ़  , 02 मई -  2023
विगत 35 सालों से प्रदेश की लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन  की दिशा में प्रयासरत रहकर नित नए आयाम  अर्जित करने वाली सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था मांडव्य  कला मंच को चंडीगढ़ के 27 सैक्टर, सनातन धर्म परिसर में अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा द्वारा " एक शाम - देव भूमि हिमाचल के नाम " समारोह में कला क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया ।
यह वही दल है जिसने राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह 2023 में प्रदेश से पहली बार कई प्रतियोगिताओं को पार कर कर्तव्य पथ दिल्ली में और जी 20 में भाग लेकर नई इबारत लिखी है ।इसके अतिरिक्त भी मांडव्य कला मंच के नाम अनेकों उपलब्धियां दर्ज है।
35 सालों से लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्यरत इस संस्था की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि 90 के दशक तक आते-आते लुप्त हो चुके मंडी जनपद के प्रधान लोक नृत्य "लुड्डी "को जीवित करना और इसे पूरे देश में पहचान दिलाना । इसके अतिरिक्त लोकनाच "बुढ्ड़ा" तथा लोकनाट्य "बाँठड़ा" आदि को बचाने व इन्हें संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाना। इसके अलावा "बरीणा" प्रथा पर आधारित नाटिका "बसोआ जिस पर अब फिल्म भी बन चुकी है तथा "नारसिंह वीर की छाया" जैसी सत्य कथाओं को भी मंच पर लाने का काम किया है । मंडयाली (नागरीय) नृत्य और मंडयाली गीददा को पृथक पहचान दिलाना, यही नहीं 1998 में पहली बार मंडी के मंडयाली गीतों का संग्रह कर पुस्तक का प्रकाशन और 2008 में मंडी जनपद के पारंपरिक गीतों की ऑडियो कैसेट "विरासत" नामक निर्मित कर लोगों को मुफ्त वितरित की जा रही है तथा इसी संदर्भ में सांस्कृतिक एवं संवाद प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन कर जिला व प्रदेश के युवाओं को जागरूक किया जा रहा है । मंच द्वारा सामाजिक कार्यों साक्षरता, पर्यावरण, नशा मुक्ति व सांस्कृतिक सोहार्द आदि के अतिरिक्त समय-समय पर आपदा से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए चैरिटी शो भी आयोजित करना । 2015 से सहयोगी संस्था के साथ सुकेत उत्सव का आयोजन करने के साथ अब तक 7 बार राष्ट्रीय युवा समारोह में लोकगीत व लोक नृत्य प्रतियोगिता तथा तीन बार अखिल भारतीय लोकनाट्य समारोह में भाग लेकर हिमाचल का परचम लहराया है ।राष्ट्रीय शरद महोत्सव मनाली में अभी तक 5 बार भाग लेते हुए 2007, 2008 और 2009 में सर्वश्रेष्ठ दल का खिताब हासिल कर हैट्रिक तथा 2013 में सिर्फ पाँच स्पर्धाओं लेकर सभी में प्रथम व द्वितीय पुरस्कार और 2017 में भी सर्वश्रेष्ठ दल का खिताब नवीन इतिहास रचा है।