अक्स न्यूज लाइन नाहन 12 जुलाई :
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग (उच्च शिक्षा) द्वारा कई बार कई तुगलकी फरमान जारी किए जाते हैं जो छात्र हित और शिक्षक हित के साथ- साथ आम जनता पर भी भारी पड़ते नज़र आ रहे हैं। अभी हाल ही में हुई हिमाचल प्रदेश स्कूल स्पोर्ट्स एसोसिएशन की बैठक में पारित करके एक प्रस्ताव सरकार को ऐसा भेजा गया कि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों से खेलों में भाग ले रहे खिलाड़ियों की डाइट मनी 120 रूपये से 400 रूपये की जानी चाहिए। जबकि पहले डाइट मनी 60 रूपये थी जिसे 3-4 वर्ष पहले ही 120 रूपये किया गया है, और इस डाइट मनी में भी खिलाड़ियों को पहले की अपेक्षा और अधिक अच्छा भोजन मुहैया करवाया जा रहा है।जबकि विद्यालय जो विद्यार्थियों से फीस ले रहा है वो फीस स्ट्रक्चर पुराना ही है। विद्यालयों पर इतनी डाइट मनी का भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। जिसके कारण बहुत सारे विद्यालय खेल कूद गतिविधियों में भाग ही नहीं ले पा रहे हैं। अगर फीस बढ़ाते हैं तो प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जबकि सरकार को विभाग द्वारा ये सभी नही बताया गया है, सरकार इससे अनभिज्ञ है। ऐसे निर्णयों से सरकार के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के दावों पर भी ग्रहण लगता नज़र आ रहा है। डाइट मनी में लगभग साढ़े तीन गुना की बढ़ोतरी करना कहीं भी तर्कसंगत नहीं लग दिख रहा है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला सिरमौर के जिला अध्यक्ष कपिल मोहन ठाकुर ने एक प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला सिरमौर ईकाई इसका कड़े शब्दों में विरोध करती है। कपिल मोहन ठाकुर ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से निवेदन किया है कि शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर गौर किया जाए और डाइट मनी या तो 120 रूपये ही रखी जाए या इसमें आंशिक रूप से ही बढ़ोतरी की जाए। अन्यथा इसका प्रदेश की जनता और सरकारी विद्यालयों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा तथा बहुत सारे खिलाड़ी खेल कूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने से वंचित हो जायेंगे।