गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के मामले दो महीने में नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद : कश्यप

गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के मामले दो महीने में नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद : कश्यप

-दलित उत्पीडऩ के मामलों पुलिस तत्काल कारवाई क रे ।  

नाहन, 11 मई  गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के मामले दो महीने के भीतर नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग के राज्य अध्यक्ष प्रोफेसर वीरेन्द्र कश्यप ने बुद्धवार को बुलाया पत्रकार सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित करने का मामला चुनावी मकसद से नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले दो महीनों के भीतर सरकार जनजाति मामले में नोटिफिकेशन जारी कर देगी यह उम्मीद जताते हुए कश्यप ने कहा कि नोटिफिकेशन के बाद यह मामला  कैबिनेट में जाएगा उसके बाद संसद के दोनों सदनों में पेश होगा। बाद राष्ट्रपति अपनी मंजूरी देंगे उन्हें कहा कि पिछले दस सालों में भाजपा सरकारों ने मामले को प्राथमिकता के आधार पर केंद्र के समक्ष उठाया। कश्यप ने कहा कि सांसद करते हुए उन्होंने हमेशा हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित करने के लिए के लिए संसद में आवाज उठाई है। पूर्व सांसद, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने कहा सामान्य आयोग के गठन को लेकर कोई विरोध या एतराज नहीं है यह सरकार को तय करना है और सरकार के अधिकार क्षेत्र में ही यह मामला है। लेकिन दोनों वर्गों में आपसी भाईचारा बरकरार रहे यह सबसे पहले तय होना चाहिए। उन्होने कहा कि एक वर्ग की अनाप-शनाप बयानबाजी से दूसरे वर्ग वर्ग के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है उन्होंने कहा कि संविधान के दायरे में रहकर किसी को किसी वर्ग को लाभ मिले इसमें किसी को कोई एतराज नहीं है कश्यप ने एट्रोसिटी मामलों में मामलों में साफ  किया  कि पीडि़तों को न्याय दिलाने के मामले में पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।  कश्यप ने कहा कि आयोग ने राज्यों के तमाम जिलों के पुलिस अधीक्षकों को को कहा है कहा कि जहां भी दलितों के साथ उत्पीडऩ के मामले मामला पुलिस तक पहुंचते हैं।  उन्हें तत्काल निचले स्तर पर एफआईआर करने के निर्देश दिए जाएं कश्यप ने कहा ऐसे पीडि़तों को तत्काल न्याय तत्काल राहत नहीं मिलती। कश्यप ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को कहा गया  कम से कम थाना चौकियों में एक रजिस्टर मेंटेन करें जिसमें दलित  समुदाय से आने वाली शिकायतों को सूचीबद्ध  किया जा सके ताकि बाद में मामले को देखते हुए एफ आई आर दर्ज की जा सके।
 कश्यप ने कहा कि दलित मामलों में न्याय दिलाने और मामले दर्ज करने को लेकर पुलिस अफसर की जिम्मेवारी तय होनी चाहिए है। कश्यप ने क हा कि आज तो मामला दर्ज करवाने के लिए पीडि़तों क ो नारेबाजी करनी पड़ती है यह सही नही पुलिस को ऐसी स्थिति से बचना चाहिए।  पुलिस अधिकारियों की यह जिम्मेवारी भी बनती है। कि किसी तरह के सियासी दबाव आए बिना पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं।  कश्यप ने बताया कि एट्रोसिटी मामलों मेंं तलब की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 से लेकर 2022 तक राज्य में कुल 122 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से 73 मामले अभी भी लंबित है। 13 मामलों में आरोपी बरी हुए है। यही नहीं 24 मामले खारिज कर दिए गए है। कश्यप ने कहा किराज्य सरकार अनुसूचित जाति व अनु जाति के लोगों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। उन्हें कहा कि दलितों के उत्थान के लिए करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। इस अवसर पर डीसी सिरमौर आर के गौतम,  एसपी उमापति जम्वाल, भाजपा नेता बलबीर चौहान, रूप सिंह, एडवोकेट जगदीश बग्गा नीरज गुप्ता समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।