शिमला में दर्जनों जनवादी व प्रगतिशील संगठनों के बैनर तले शांति मार्च का आयोजन

शिमला में दर्जनों जनवादी व प्रगतिशील संगठनों के बैनर तले शांति मार्च का आयोजन
अक्स न्यूज लाइन शिमला 27 सितंबर : 
शिमला शहर के दर्जनों जनवादी व प्रगतिशील संगठनों के बैनर तले सैंकड़ों नागरिकों ने प्रदेश में शांति व्यवस्था व सांप्रदायिक सौहार्द कायम करने के लिए सांप्रदायिक सद्भाव शांति मार्च का आयोजन किया। इस दौरान डीसी ऑफिस शिमला से लोअर बाजार व मॉल रोड़ होते हुए रैली रिज मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे पहुंची। यहां पर रैली में मौजूद नागरिक शांतिपूर्ण धरने पर बैठ गए व देश के सांप्रदायिक सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता व संविधान की रक्षा की शपथ ली। इस दौरान शिमला शहर के नागरिकों ने जनता से शिमला व हिमाचल प्रदेश में शांति, भाईचारे, अमन, चैन, सांप्रदायिक सौहार्द बनाने की अपील की। उन्होंने धर्म, जाति, क्षेत्र, लिंग, नस्ल से ऊपर उठकर देश की एकता व अखंडता के लिए कार्य करने, आपसी भाईचारे, अमन चैन व शांति को कायम रखने, लोकतान्त्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रखने की शपथ ली।  उन्होंने देश के संविधान को चुनौती देने वाली सांप्रदायिक शक्तियों का डटकर मुकाबला करने का आह्वान किया।
शांति मार्च का नेतृत्व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी के भूतपूर्व निदेशक प्रोफेसर चेतन सिंह, भूतपूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन, भूतपूर्व आईएएस अजय शर्मा, प्रोफेसर घनश्याम चौहान, प्रोफेसर राजेंद्र चौहान, प्रोफेसर विजय कौशल, प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट संजीव भूषण, भूतपूर्व विधायक राकेश सिंघा, भूतपूर्व महापौर मनोज कुमार एवम संजय चौहान, भूतपूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर, माकपा सचिव ओंकार शाद, आप नेता चमन राकेश आजटा, भूतपूर्व डिप्टी डायरेक्टर संजय शर्मा, रोटरी क्लब सदस्य मनमोहन सिंह, निरंकारी सभा के कैप्टन एन पी एस भुल्लर, अंबेडकर सभा संयोजक प्रीत पाल सिंह मट्टू, सेवानिवृत प्राचार्य वी वी एस डोगरा, प्रोफेसर सत्या चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता रंजना जरेट, बिमला ठाकुर, अमर भाटिया, मौलाना मुमताज काजमी, महफूज मालिक, काजी इरशाद, अब्दुल रहीम, मोहम्मद आरिफ, हिमाचल किसान सभा प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर, सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, जनवादी महिला समिति महासचिव फालमा चौहान, ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स पेंशन एसोसिएशन राष्ट्रीय महासचिव जगमोहन ठाकुर, जन विज्ञान आंदोलन नेता सत्यवान पुंडीर, एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष अनिल ठाकुर, हिमाचल पेंशनर एसोसिएशन नेता महेश वर्मा, समरहिल के पार्षद वीरेंद्र ठाकुर, दलित शोषण मुक्ति मंच नेता विवेक कश्यप, शिमला नागरिक सभा भूतपूर्व अध्यक्ष ईश्वर वर्मा, मशहूर लोक गायक कपिल शर्मा, डीवाईएफआई नेता अंकित दुबे आदि ने किया।
शांति मार्च के उपलक्ष्य पर जारी संयुक्त प्रेस बयान में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा है कि कुछ सांप्रदायिक संगठनों द्वारा सुनियोजित तरीके से की जा रही सांप्रदायिक घटनाओं, एक समुदाय विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण बनाने के खिलाफ, अल्पसंख्यकों में भय का माहौल बनाने के खिलाफ तथा प्रदेश में भाईचारा, एकता, अमन चैन स्थापित करने के लिए शिमला में यह शांति मार्च किया गया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश हमेशा से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे अपने सामाजिक मानकों के लिए देश में जाना जाता रहा है। हमारा प्रदेश भाईचारे, अमन चैन, सांप्रदायिक सद्भाव, एकता की देश में एक मिसाल रहा है। प्रदेश की जनता ने हमेशा संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की है। देश के संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता अंकित है जहां सब धर्मों को समानता का अधिकार है।  संविधान किसी भी नागरिक में धर्म जाति क्षेत्र नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। परंतु पिछले कुछ दिनों में सुनियोजित सांप्रदायिक हिंसा ने देश व विदेश में हिमाचल प्रदेश की छवि को धूमिल किया है। कुछ सांप्रदायिक संगठनों द्वारा प्रायोजित सांप्रदायिक तनाव से प्रदेश के सबसे बड़े आर्थिक संसाधनों में से एक पर्यटन उद्योग पर भारी खतरा मंडरा रहा है। इन घटनाक्रमों से प्रदेश की जनता की एकता में बिखराव आया है। इस से प्रदेश में शांति व्यवस्था भंग हो रही है। प्रदेश में अराजकता का वातावरण बन रहा है। इस से प्रदेश का नाम बदनाम हो रहा है। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह मानव मूल्यों की रक्षा के लिए आगे आए व प्रदेश में भाईचारा स्थापित करे। उन्होंने जनता से एकता बनाने का आह्वान किया है।