अक्स न्यूज लाइन शिमला 1 अगस्त :
हिमाचल प्रदेश में बुधवार देर रात भारी बारिश ने कहर बरपाया है। छह जगह बादल फटने से भारी तबाही मची है। प्रदेश में 50 लोग लापता हो गए हैं। अभी तक पांच शव बरामद हो चुके हैं। 47 घर, 10 दुकानें, 7 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 18 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गया है।
कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजवन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। इस मानसून ने एक रात की बारिश ने बीते साल की आपदा की यादें ताजा कर दी हैं। प्रदेश में सात घंटों में सामान्य से 305 मिलीमीटर ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने खराब मौसम को देखते हुए मंगलवार रात से रेड अलर्ट जारी किया था। प्रदेश में दो एनएच समेत 445 सड़कें बंद चल रही हैं। प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं। ब्यास का जलस्तर बढ़ने पर पंडोह डैम से पानी छोड़ना पड़ा।
जिला कुल्लू के निरमंड में रात 12 बजे नैन सरोवर और भीमडवारी में एकसाथ दो जगह बादल फटे। इसका पानी बागीपुल, समेज और गानवी की तरफ आया और 30 किमी नीचे तक तबाही मचाई। शिमला-कुल्लू की सीमा पर समेज में खड्ड में आई बाढ़ में 30 मकान बह गए। यहां छह बच्चों समेत 36 लोग लापता हैं। इनमें चार प्रवासी, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी और 22 स्थानीय लोग शामिल हैं। बाढ़ में 150 पशु भी बह गए। एक स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो बिजली प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गए। वहीं, दूसरी ओर बागीपुल में बाढ़ से 10 दुकानें, जियालाल का एक रियायशी मकान जिसमें होटल चल रहा था, दो पटवारघर, पार्क की 15 गाड़ियां, बस अड्डा और पांच पुल बह गए। यहां जियालाल के परिवार के पांच सदस्य और दो नेपाल मूल के व्यक्ति लापता हैं। श्रीखंड महादेव मार्ग पर भीमडवारी में करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग यात्रा पर निकले थे। वहीं, रामपुर में गानवी खड्ड में आई बाढ़ में पांच घर, तीन गाड़ियां और एक पुल बह गया।
कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में गुरुवार सुबह बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मलाणा पावर प्रोजेक्ट-एक का बांध टूट गया। बाढ़ से बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बह गए। नाले के उफान पर आने से पार्वती नदी में भी पानी बढ़ गया और नदी पर बना पुल बह गया। शॉट स्थित सब्जी मंडी का बहुमंजिला भवन भी बह गया है। मलाणा-एक प्रोजेक्ट में अभी भी 34 लोग फंसे हैं। इनमें चार टनल के अंदर बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। बलाधी गांव में बाढ़ आने से फंसे आठ परिवारों के 22 लोगों और 23 नेपालियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। बचाव टीम ने कुल्लू शहर से तीन किमी दूर ब्यास में छरूडू में फंसे नौ लोगों को भी सुरक्षित निकाला। सैंज बाजार में निजी बस और मोटरसाइकिल पिन पार्वती नदी में बह गई।
मंडी जिले के पधर की चौहार घाटी के दुर्गम गांव राजवन में बुधवार रात बादल फटने से आए मलबे में दबने से तीन घरों का नामोनिशान मिट गया। इनमें रह रहे 12 लोगों में से तीन की मौत हो गई है, जबकि दो घायल अवस्था में मिले। सात लोग अभी भी लापता हैं। इसके अलावा थल्टूखोड़-ग्रामीण सड़क पर बने तीन पुल और दो घराट बह गए हैं। लापता लोगों में चार बच्चे, दो महिलाएं व एक युवक है। चंबा जिले की राजनगर पंचायत के रूपणी नाले में बुधवार रात 1 बजे बादल फटने से बाढ़ आई। बाढ़ की चपेट में आने से 20 वाहन मलबे में दब गए। वहीं, लाहौल के जाहलमा में भी बादल फटने से निचले क्षेत्रों में नुकसान हुआ है।