शानन परियोजना को वापिस लेने के लिए जारी हैं गंभीर प्रयासः मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान शानन जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया था। वर्ष 1925 में मंडी के तत्कालीन राजा जोगिन्द्र बहादुर और पंजाब के मुख्य अभियंता के बीच 99 वर्षों के लिए लीज़ समझौता हस्ताक्षरित हुआ था। उस समय से ही इसका प्रशासनिक अधिकार पंजाब के पास है। इस वर्ष 2 मार्च, 2024 को लीज़ समाप्त हो गई है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र अधिकार में हैं और पंजाब सरकार को अविलम्ब इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश को लौटा देना चाहिए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लोगों के हितों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए प्रदेश सरकार इस परियोजना से लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कानूनी कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार परियोजना को हासिल करने के लिए एक मजबूत मामला तैयार कर रही है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप रतन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव अरिन्दम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।