फर्जी डिग्री मामले में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय के संस्थापक सहित 16 आरोपियों को समन जारी
फर्जी डिग्री मामले में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) के संस्थापक राजकुमार राणा सहित 16 आरोपियों को समन जारी हुए हैं। 194 करोड़ का कालाधन वैध बनाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सभी आरोपियों के खिलाफ शिमला की विशेष अदालत में आपराधिक शिकायत दायर की है।
4 मार्च को मामले की सुनवाई के दिन सभी आरोपियों को पेश होने के आदेश दिए हैं। ईडी ने राणा के अलावा मानव भारती विश्वविद्यालय, माधव विश्वविद्यालय, प्रमोद कुमार, सारिका, कृष्ण, अजय, मनु सिंह, हिमांशु शर्मा, पंकज अग्रवाल, अभिषेक गुप्ता, राकेश, अशोनी कंवर, मंदीप राणा, जगमल सिंह और जगमोहन चोहड़ा को आरोपी बनाया है।
विशेष अदालत ने आरोपियों को समन जारी करते हुए कहा कि साक्ष्यों से पता चलता है कि आरोपियों ने मनी लॉन्ड्ऱिंग की धारा तीन और चार के दंडनीय प्रावधानों के तहत अपराध किया है।
ईडी ने शिकायत की है कि वर्ष 2009 में राणा ने जिला सोलन के सुल्तानपुर में एक एमबीयू की स्थापना की। वर्ष 2013-14 में राजस्थान के आबू रोड सिरोही में माधव विश्वविद्यालय की स्थापना भी की। दोनों संस्थान मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन चलाए जा रहे थे।
राणा ने सुनियोजित तरीके से जाली दस्तावेजों की मदद से दोनों संस्थानों का संचालन शुरू किया। राणा ने सह आरोपियों के साथ एमबीयू के नाम पर फर्जी डिग्रियां बेचीं और मोटी रकम अर्जित की।
इस अपराध के लिए ईडी ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 462, 467, 471 और धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 3 और 4 के तहत सोलन जिला के पुलिस थाना धर्मपुर में प्राथमिकी दर्ज की। प्रारंभिक जांच में ईडी ने राणा की चल-अचल संपत्ति 194.14 करोड़ रुपये आंकी है, जिसे जब्त कर लिया गया है।