प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारी क्षेत्र में नए प्राण डालने की शुरुआत की : अमित शाह
अक्स न्यूज लाइन शिमला 24 फरवरी :
देश के सहकारी क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में सहकारी क्षेत्र के लिए कई प्रमुख पहलों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल, सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) में ‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ की पायलट परियोजना का उद्घाटन किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने गोदामों और कृषि से जुड़ी अन्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए देश भर में अतिरिक्त 500 PACSs की आधारशिला रखी और 18,000 PACSs में कम्प्यूटराइजेशन की परियोजना का भी उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारी क्षेत्र में नए प्राण डालने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के समय से ही देश भर के सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ता अनेक पार्टियों की सरकारों के सामने अपनी मांग रखते रहे कि सहकारिता के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना हो, परंतु वर्षों तक इस मांग को पूरा करने के लिए किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो 70 साल पुरानी मांग को स्वीकार किया और सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की। शाह ने कहा कि अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की मांग इसलिए हो रही थी क्योंकि सहकारिता क्षेत्र को भी समय के साथ बदलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को प्रासंगिक भी बनाए रखना होगा, इसे आधुनिक भी बनाना होगा और इसमें पारदर्शिता भी लानी होगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद के 35 महीनों में अब तक मंत्रालय द्वारा 54 से ज्यादा इनीशिएटिव ली गई है। उन्होंने कहा कि PACS से लेकर एपेक्स तक सहकारिता क्षेत्र हर आयाम में नयी शुरुआत करके नए जोश के साथ आगे बढ़ रहा है। शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को लगभग सवा सौ साल के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले से नया जीवन मिला है और विश्वास है कि अगले सवा सौ साल तक सहकारिता आंदोलन इस देश की सेवा करता रहेगा।
अमित शाह ने कहा कि लगभग 18,000 से ज्यादा PACS का पूर्ण कंप्यूटराइजेशन आज से शुरू हो रहा है। इसका ट्रायल रन हो चुका है, लीगेसी डेटा को भी कंप्यूटराइज कर दिया गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के साथ ही हर ट्रांजैक्शन कंप्यूटर से शुरू हो जाएगा।
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 29 जून 2022 को जब 18,000 PACS के कंप्यूटराइजेशन का प्रस्ताव केन्द्रीय कैबिनेट में आया था, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आशा व्यक्त की थी कि कठिन होने के बावजूद इस परियोजना का जल्द क्रियान्वयन हो जाएगा। शाह ने कहा कि बहुत कम समय में 65,000 में से 18,000 PACS में कंप्यूटराइजेशन क्रियान्वित किया जा रहा है और चुनाव से पहले 30,000 PACS में भी इसे क्रियान्वित करके लोगों को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि PACS का कंप्यूटराइजेशन न केवल पारदर्शिता लाएगा और इन्हें आधुनिक बनाएगा बल्कि साथ ही बिजनेस के कई सारे मौके भी पैदा करेगा।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने PACS के लिए नए बायलॉज बनाए हैं और पूरे देश की सरकारों ने अपनी—अपनी पार्टियों से परे उठकर इन बायलॉज को राज्य सूची का विषय होने के बाद भी स्वीकार कर इसे लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि बायलॉज लागू होते ही कोई PACS 20 प्रकार के नए काम कर पाएगा। अब PACS डेयरी का भी काम कर पाएंगे, नीली क्रांति में भी जुड़ पाएंगे, जल जीवन मिशन के तहत पानी प्रबंधन का काम भी पाएंगे, भंडारण की क्षमता बढ़ाने में भी योगदान पाएंगे, CSC का भी काम पाएंगे, सस्ती दवाइयों और अनाज की दुकानें भी खोल पाएंगे और पेट्रोल पंप भी चला पाएंगे। शाह ने कहा कि नए बायलॉज के जरिए PACS को ढेर सारे कामों से जोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ और अब उनके कंप्यूटराइजेशन से सारी चीजों के अकाउंट को एक ही सॉफ्टवेयर में समाहित कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह सॉफ्टवेयर देश की हर भाषा में और गांव की भाषा में किसान से बात कर सकता है।
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने PACS को मजबूत करने में 2500 करोड रुपए जितनी बड़ी रकम लगाई है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 तक इस देश के सभी PACS कंप्यूटराइज होकर सॉफ्टवेयर से कनेक्ट हो जाएंगे।
अमित शाह ने कहा कि आज विश्व की सबसे बड़ी कोऑपरेटिव अन्न भंडारण योजना की भी शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय से जब इसका प्रारूप गया तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं छह बार इस बारे में हमारे साथ चर्चा की, दो बार प्रेजेंटेशन देखकर सुझाव दिए और एक संपूर्ण योजना बनाकर देश के किसानों को समर्पित किया। इसे लागू करने से पहले प्रधानमंत्री ने कैबिनेट बैठक में हमारे मंत्रालय का मार्गदर्शन किया कि यह योजना एक नई पहल है और कई मंत्रालयों को समाहित कर यह योजना आगे बढ़ने वाली है, तो पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाए। फिर कमियों को पहचान कर उन्हें दूर किया जाए और इसके बाद मास लेवल पर नीचे तक लागू किया जाए।
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुरूप हमने 11 PACS में पायलट प्रोजेक्ट समाप्त कर दिया है और 11 गोदामों का उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के दौरान गठित मंत्री-समूह ने सामने आई समस्याओं को देख कर योजना को थोड़ा रिवाइज किया और आज 500 PACS के गोदामों का भूमि पूजन भी हो रहा है। एक प्रकार से 511 गोदामों का काम आज से शुरू होगा।
अमित शाह ने कहा कि हमारे देश में अन्न उत्पादन के परिपेक्ष्य में हमारी भंडारण क्षमता केवल 47 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह 161 प्रतिशत, ब्राजील में 149 प्रतिशत, कनाडा में 130 प्रतिशत और चीन में 107 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में उत्पादन से भंडारण क्षमता ज्यादा है। इसके कारण जब दाम नीचे जाता है तो किसान अपना सामान भंडारण क्षमता का उपयोग करके स्टोर करता है और सुचारू रूप से उसे अच्छा भाव मिल सकता है। परंतु भारत में यह सुविधा पहले उपलब्ध नहीं थी। फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया को ही यह सारा भार निर्वहन करना पड़ता था। शाह ने कहा कि अब हजारों PACS अब भंडारण क्षमता का विस्तार करेंगे। ऐसे में हमारे देश में भी वर्ष 2027 के पहले शत प्रतिशत भंडारण क्षमता प्राप्त कर ली जाएगी और यह क्षमता सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से हासिल होगी।
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और उनके मार्गदर्शन के कारण यह योजना पूरी तरह साइंटिफिक और सबसे मॉडर्न बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बनाए गए गोदाम छोटे होंगे, लेकिन इसमें रैक भी होंगे, कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था भी होगी और इसके साथ-साथ आधुनिक खेती के सभी साधन होंगे। शाह ने कहा कि PACS से लिंक्ड इन गोदामों में ड्रोन भी होगा, ट्रैक्टर भी होंगे, कटाई की मशीन और दवाई के छिड़काव की मशीन भी होगी। यह सारी चीजें किसानों को किराए पर उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इससे PACS और किसानों का रिश्ता गाढ़ा होगा और आने वाले दिनों में हमारी खेती भी आधुनिक होगी।