हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शोधार्थियों के लिए मासिक 3000 रूपए की राशि देने का निर्णय स्वागत योग्य है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री विक्रांत चौहान ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले लगभग दस वर्षों से छात्रहित में इस मांग को लेकर आंदोलनरत है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे थे जिसके परिणामस्वरूप आज यह निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। इस योजना के माध्यम से गुणात्मक शोध हेतु प्रदेशभर में लगभग तीन हजार से अधिक शोधार्थी वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय पालमपुर और प्रदेश विश्वविद्यालय के शोधार्थी लाभान्वित होंगें।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शोधार्थियों को सहायता राशि न मिलने के कारण समाजहित में गुणात्मक शोध करने में शोधार्थी असफल होते नजर आ रहे थे। शोधार्थी बढ़ती आयु के साथ-साथ रोजगार को लेकर चिंतित रहते थे और नौकरी की ओर उनका अध्ययन और आकर्षण रहता था लेकिन आज प्रदेश सरकार ने छात्रहित और देशहित में एक सटीक और आवश्यक निर्णय लिया है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस निर्णय का सहर्ष स्वागत करती है शोध के क्षेत्र में यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले समय में सरकार द्वारा दी जा रही इस सहायता राशि से निश्चित रूप से शोध देश को नहीं ऊंचाई पर ले जायेगा और नए नए शोध से समाज को भी फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश की नींव वंहा के युवा होते है जो समाज में नया और सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करते है और मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना भी शोध के क्षेत्र में नया बदलाव लेकर आएगी जो समाज और देश के लिए हितकारी साबित होगा।