भारत ने सितंबर में 200 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल किया : कटवाल
इस कैंप में युवपर्चा द्वारा 247 सदस्य बनाए गए। कटवाल ने इस अवसर पर कहा युवाओं के पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत की नीति पर मोहर लगाई है, सदस्यता अभियान में युवाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने एक तरफ जहां 200 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली, वहीं 6जी तकनीक के पेटेंट में हम छह शीर्ष देशों में शामिल हैं। अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी (6जी) 5जी की तुलना में 50 गुना अधिक तीव्र तेज होगी। कभी आयात पर निर्भर भारत 80 लाख कंप्रेशर बनाने लगा है। भारत के प्रदर्शन से प्रभावित 11 देशों ने भारत के दवा कानून अपनाए हैं। भारत ने सितंबर में 200 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल किया। 2014 में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता केवल 75 गीगावाट थी, अब यह क्षमता 201,457.91 मेगावाट तक पहुंच गई है। इनमें 90,762 मेगावाट सौर ऊर्जा और 47,363 मेगावाट पवन ऊर्जा है। 2014 से नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन 86 प्रतिशत बढ़ा है। भारत जी-20 का एकमात्र देश है, जिसने अपने जलवायु लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले पूरा किया।
कटवाल ने कहा है कि 11 देशों ने भारतीय दवा कानूनों को अपने मानक के रूप में मान्यता दे दी है। भारत विश्वभर में 200 से अधिक देशों को दवाएं, टीके और चिकित्सा उपकरण आपूर्ति कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों से हर साल औसतन 100 वैश्विक क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी जा रही है। भारत 6 जी तकनीक पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। 6 जी से संबंधित पेटेंट दाखिल करने में भारत शीर्ष छह देशों में शामिल है। भारत अगले तीन वर्षों में सभी 6जी पेटेंट में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर सकता है। चार साल पहले कंप्रेशर के लिए आयात पर निर्भर रहने वाले भारत में अब 80 लाख कंप्रेशर बनाए जा रहे हैं। एसी मैन्यूफैक्चरिंग में कंप्रेशर का इस्तेमाल होता है। इसमें सरकार के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम कारगर साबित हुई है।