महिला आयोग ने 450 मामलों का निपटारा काऊंसलिंग के जरिए करवाया: डा. डेजी
- एट्रोसिटी एक्ट से सम्बधित मामलों में कारवाई करने निर्देश जिला प्रमुखों को दिए जाते है।
नाहन, 22 अगस्त : अनुसुचित जाति की महिलाओं के अधिकारों के सरंक्षण के लॉगु एट्रोसिटी एक्ट से सम्बधित मामलों में कारवाई सीधे तौर से महिला आयोग के दायरे में नही आते लेकिन उत्पीडऩ के मामले संज्ञान में आने के तत्काल बाद सम्बधित जिला प्रमुखों को कारवाई करने के निर्देश जारी किए जाते है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डा. डेजी ठाकुर ने बुलाए पत्रकार सम्मेलन में कहा कि एट्रोसिटी एक्ट से सम्बधित मामलों में कहीं थाने स्तर कारवाई में देरी हो ऐसा हो सकता है लेकिन आयोग ऐसे मामलों में शिकायत मिलने के बाद कारवाई के एसपी को निर्देश जारी करता और तत्काल कारवाई पुलिस करती है। डा.डेजी ने कहा पुलिस पर कोई दबाव नही अक्सर ऐसे आरोप लगते है लेकिन पुलिस की अपनी कई मजबुरियां रहती है। उन्होने साफ किया कि सियासी दबाव नही आता। आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि अभी तक पिछले चार सालों में महिला आयोग ने 450 मामलों का निपटारा काऊंसलिंग के जरिए करवाया है ।
आयोग का यह प्रयास है कि परिवारों में महिलाओं के उत्पीडऩ के मामले आपसी बातचीत के जरिए ही हल हो प्रयास जारी है आयोग को सफलता मिली है। डा. डेजी ने बताया कि इसी कड़ी में कैं प कोर्ट लगाए जाने का सिलसिला शुरू किया गया था। कांगड़ा, मंडी, सोलन व बिलासपुर जिलों में इनका आयोजन होता है। सिरमौर की शिकायतें आयोग सोलन में सुनता है। उन्होने बताया कि कांगडा में महिला उत्पीडन के मामले सर्वाधिक है। उसके बाद मंडी का स्थान आता है। डा. डेजी ने कहा कि महिलाओं में आ रही जागरूकता के चलते आयोग में शिकायतों की रिर्पोंटग का आंकड़ा बढ रहा है यही आयोग चाहता और तभी पीडि़ताओं को न्याय मिलेगा। उन्होने युवतियों व महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि किसी भी किस्म की छेडखानी का शिकायत तत्काल करें अन्यथा आरोपी के हौंसलें बुलंद होगें।
डा. डेजी ने कहा आयोग लगातार शिकायतों का निराकरण कर रहा है। ताकि परिवारों को अदालती कारवाई से बचाया जा सके आखिर परिवार सभी की जिम्मेवारी से चलता है। मनमुटाव के भागीदार भी सदस्य होते है। आयोग के पास पतियों की प्रताडऩा को लेकर भी मामले आते हम पुरूषों क ी सुन लेते है। जिला स्तर आयोग पुलिस के साथ बैठकें आयोजित कर रहा है। इसी क ड़ी में सोमवार को एसपी कार्यालय में आयोग ने बैठक ली है।