राज्यपाल ने किया कला प्रदर्शनी का शुभारम्भ
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कला एक सार्वभौमिक भाषा है, जो सीमाओं के बंधन को नहीं मानती और हम में एकात्मकता की भावना पैदा करती है। उन्होंने कहा कि कला हमारे विचारों, भावनाओं और हमारे आस-पास की दुनिया का प्रतिबिंब है। राज्यपाल ने कहा, ‘‘यहां प्रदर्शित चित्र केवल कलाकृतियाँ नहीं हैं, ये कलाकारों के मन के प्रतिबिंब हैं, जिनमें से प्रत्येक एक अनोखी कहानी कहती है और कई तरह की भावनाएं पैदा करती है।’’
श्री शुक्ल ने कहा कि यहां प्रदर्शित प्रत्येक चित्र कलाकार की कड़ी मेहनत और जीवन की सुंदरता और जटिलता को कैनवास पर उतारने की उनकी क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कलाकारों से कहा कि हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध बनाने और भावी कलाकारों को प्रेरित करने में उनका अमूल्य योगदान है। उन्होंने कहा कि शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर विभिन्न कलाओं के प्रदर्शन के लिए देश का उत्कृष्ट कला का केंद्र बनकर उभरा है।
इस अवसर पर भारतीय कला परिषद् के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. चन्द्रशेखर काले ने राज्यपाल का स्वागत किया।
कार्यक्रम के संयोजक प्रवीण पण्डित ने राज्यपाल को उनके द्वारा बनाई गई राज्यपाल की तस्वीर भेंट की।
इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।