दर्शन सेवा योजना के तहत 100 रूटों पर आरंभ होंगी बस सेवाएं - उपमुख्यमंत्री
अक्स न्यूज लाइन ऊना, 15 जनवरी :
हिमाचल प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प है। इस कड़ी में सरकार के अधीन मंदिरों में व्यवस्था सुधारीकरण के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं में निरंतर इजाफा किया जा रहा है। छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में भी अनेक विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है जिनके पूरा होने पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं हासिल होंगी।
यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के गांव नंदपुर में चिंतपूर्णी मंदिर न्यास द्वारा 60 लाख रुपए की लागत से निर्मित कैफे क्रॉस रोड के विधिवत उद्घाटन करने के उपरांत दी। मुकेश अभिनेत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में माता चिंतपूर्णी, माता ज्वाला जी, माता चामुंडा, माता नैना देवी तथा बाबा बालक नाथ जैसे अनेक प्रमुख धार्मिक स्थल हैं जहां पर वर्ष भर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। हिमाचल प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुविधाजनक आवाजाही तथा इन स्थलों पर बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने की दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा अनेक सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दर्शन सेवा योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थलों से प्रदेश के भीतर तथा अन्य राज्यों के धार्मिक स्थलों के लिए भी लगभग 100 नए बस रूट आरंभ किए जा रहे हैं ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं को भी प्रदेश व प्रदेश के बाहर स्थित धार्मिक स्थलों में आने जाने की बेहतरीन सुविधा मिल सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंतपूर्णी में माता का भव्य मंदिर बनाया जाएगा जिसके लिए 8 करोड़ खर्च कर जमीन अधिग्रहित की गई है। उन्होंने बताया कि एक माह के भीतर चिंतपूर्णी में लगभग 25 करोड रुपए की लागत से निर्माणाधीन पेयजल तथा सीवरेज योजनाओं का लोकार्पण कर दिया जाएगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि चिंतपूर्णी में एक मास्टर प्लान के तहत माता चिंतपूर्णी मंदिर तथा पर्यटक सुविधा परिसरों का निर्माण किया जा रहा है इन कार्यों के लिए एक विश्व स्तरीय सलाहकार नियुक्त किया गया है ताकि इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं तथा क्षेत्रवासियों की भविष्य की जरूरतों के मध्य नजर परियोजनाओं को मूर्तरूप दिया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के मध्य नजर फैसले लिए जा रहे हैं तथा इस दौरान स्थानीय वासियों की सुविधाओं व हितों का भी ध्यान रखा जाएगा।