माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय अलग अलग करने लगाई जिला प्रवक्ता संघ ने

माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय अलग अलग करने लगाई जिला प्रवक्ता संघ ने

    अक्स न्यूज लाइन --  नाहन, 26  फरवरी 2023
  उच्च शिक्षा निदेशालय को   बढ़ते काम के बोझ के चलते महाविद्यालयों के साथ  सामंजस्य नही हो रहा है
उच्च शिक्षा निदेशालय को बढ़ते काम के बोझ के चलते महाविद्यालयों के साथ सामंजस्य नही हो रहा है। ऐसे में यह समय की मांग है कि सरकार को माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय अलग अलग बना देने चाहिए।  
 हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने सरकार से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को अलग करने कि मांग करते हुए तर्क दिया  कि शिक्षा विभाग में पिछले कुछ वर्षों से जिस प्रकार से विद्यालय संबंधी निर्णयो, जैसे अवकाश से संबंधित, वार्षिक समारोह से संबंधित अथवा अन्य निर्देश  आदि को बार बार बदला जा रहा है इससे स्पष्ट होता है कि उच्च  शिक्षा निदेशालय को   बढ़ते कार्य बोझ के कारण संभवत महाविद्यालयों के साथ माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की कार्यप्रणाली मे  सामंजस्य बना पाना काफ ी मुश्किल हो गया है। स्कूल प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने इस मुद्दे को राज्य कार्यकारिणी के साथ मिल कर सरकार के समक्ष लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ सिरमौर  जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, जिला महासचिव डॉ आईडी राही, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश नेगी, पूर्व महासचिव संजय शर्मा राज्य कार्यकारिणी सदस्य सतीश शर्मा देवराज कनयाल, महिला विंग अध्यक्षा रमा शर्मा, संध्या चौहान राजगढ़ खंड के कार्यकारिणी के सदस्य जोगेंद्र सिँह, राजेश शर्मा, राजेश भारत आदि ने कहा कि जब हिमाचल राज्य बनने के बाद शिक्षा निदेशालय बना तो निश्चित रूप से मात्र दर्जनों उच्च शिक्षा संस्थान राज्य में रहे होंगे। जबकि आज यह संख्या हजारों में पहुंच गई है जिसमें लगभग डेढ़ सौ के करीब राजकीय महाविद्यालय, सैकड़ों निजी महाविद्यालय व 3000 के लगभग सरकारी उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा दो हजार निजी विद्यालय उच्च शिक्षा निदेशालय के कार्यक्षेत्र में आते हैं। विद्यालय प्रवक्ता संघ सिरमौर जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि यदि इन संस्थानो मे कार्यरत शिक्षकों की भी गणना की जाए तो संभवत: यह संख्या  पचास हजार के पार पहुंचेंगी तथा इन संस्थानों सम्बन्धित किसी भी निर्देश से लाखों विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक प्रभावित होते है। संघ का कहना है कि 
ऐसे में सबका संपूर्ण विवरण  रख पाना तथा उन्हें सुनियोजित कर पाना एक ही उच्च शिक्षा निदेशालय के लिए व्यवहारिक नही। प्रवक्ता संघ के अनुसार यह देखने में आया है कि उच्च शिक्षा निदेशालय में निदेशक उच्च शिक्षा सहित अधिकतर उच्च अधिकारी महाविद्यालय स्तर से जाते हैं जबकि हजारों माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयो का प्रतिनिधित्व नगण्य है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि इस बात का संशय भी बना रहता है कि विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के मध्य बजट विभाजन हो अथवा कार्य निष्पादन कहीं ना कहीं विद्यालयंो की समस्याओं को उतना ध्यान नही मिल पाता जितना अपेक्षित है।
प्रवक्ता संघ अध्यक्ष ने कहा कि  गुणात्मक शिक्षा का जो उद्देश्य शिक्षा मंत्री ने निर्धारित किया है उसे पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग में त्रिस्तरीय प्रशासनिक व्यवस्था जिनमे कक्षा1 से कक्षा 8 तक प्रारंभिक निदेशालय, कक्षा 9 से कक्षा 12 तक माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक निदेशालय तथा महाविद्यालय व उच्च कक्षाओं के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय होना। सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि निदेशालय स्तर पर कर्मचारी प्रकोष्ठ स्थापित किया जाना अनिवार्य है जिससे  अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप को सीमित किया जा सके। उच्च शिक्षा निदेशालय में आज भी  विद्यालयों के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची, वेतन विसंगति, स्थानांतरण, मामले लम्बे समय से लम्बित पड़े हैं। प्रवक्ता संघ ने 
नव नियुक्त राज्य अध्यक्ष लोकेन्द्र नेगी से निवेदन किया कि  शीघ्र ही इस विषय को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव के ध्यानार्थ लाया जाए ।