दलित शोषण मुक्ति मंच ने शिलाई विवाह समारोह के वायरल वीडियो पर---- आरक्षित वर्ग से चुने गए चुनाव जन प्रतिनिधियों से मांगा जवाब

दलित शोषण मुक्ति मंच ने शिलाई विवाह समारोह के वायरल वीडियो पर---- आरक्षित वर्ग से चुने गए चुनाव  जन प्रतिनिधियों से मांगा जवाब

नाहन,17 मई :जिला  सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में एक  समारोह के  वायरल वीडियो को जहां सियासी नेताओं चुप्पी साध ली है। दलित शोषण मुक्ति मंच ने इस तीखे तेवर दिखाते हुए  आरोपियों के खिलाफ कड़ी क ानूनी कारवाई करने के  लिए कमर कस ली है। मंच के जिला संयोजक अशीष कुमार आरोप लगाया के वायरल वीडियो बाकायदा लाउड स्पीकर से अनाउंसमेंट की जा रही थी कि भोजन की व्यवस्था जातीय आधार पर लाइन खींच कर की गई है। कहा जा रहा था कि हरिजन लाइन के उस तरफ  बैठें और दूसरी जातियां दूसरी तरफ ।  आशीष कुमार ने कहा कि मंच इस तरह के कृत्य की कड़ी  निंदा करता है। हिमाचल प्रदेश में दलित वर्ग के साथ इस तरह की घटनाएं आये दिन होती रहती है और इस तरह की अदृश्य लाइनें स्पष्ट खिंची रहती है  जिसका न कभी कोई पार्टी और न ही कोई बुद्धिजीवी वर्ग विरोध करता है। क्योंकि अधिकांश तथाकथित बुद्धिजीवी मात्र पब्लिसिटी के लिए तो मंचों पर इस प्रकार की घटनाओँ की निंदा करते तो दिखते है परन्तु कभी भी मौके पर इस प्रकार की घटनाओं का विरोध नही करते। आशीष कुमार ने कहा कि इस तरह की घटनाएं हो रही है तो ये विडिओ आरक्षण का विरोध करने वाले उन नेताओं को जरूर देखनी चाहिए जो स्वर्ण आयोग की हिमायत करते है। आशीष कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर लगातार आरक्षण को कोसने वालों का इस वीडियो को देख कर कोई भी प्रतिक्रिया नही आई। आशीष कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोग को हर जगह कदम कदम पर इस तरह के अपमानों से रूबरू होना पड़ता है। परन्तु इस तरह के परिदृश्य में भी अगर कोई व्यक्ति दलित समाज का अपनी मेहनत और प्रतिभा से आगे निकल जाता है तो उसकी प्रतिभा पर आरक्षण का लेवल लगा कर उसके योगदान को कम करने की कोशिश की जाती है। आशीष कुमार ने कहा कि आज प्रदेश के अन्दर जान बूझ कर दलित विरोधी माहौल बनाया जा रहा है ए चाहे वो अभी आरक्षित वर्ग से आये विधायकों का विरोध हो एये एजेंडा समाज को। तोडऩे के लिए किया जा रहा है ताकि शोषण कारी व्यवस्था को बरकार रख सके। आशीष कुमार ने सीधे तौर पर जिला सिरमौर के आरक्षित सीट से चुने हुए विधायकों चाहे वो कांग्रेस के विनय कुमार हो, भाजपा की रीना कश्यप हो , भाजपा के नेता  अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रेणुका से बलबीर चौहान हो, शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप हो और समाज को तोडने वाली ताकतों के गिरफ्तार होने पर पीड़ा में जाने वाली पूर्व जिला परिषद अध्यक्षा दयाल प्यारी हो, उन्होने कहा कि इन नेताओं  क्या इस तरह की घटना से पीड़ा नही होती। आशीष कुमार ने कहा कि जिन्दान हत्याकांड पर खमोश रहने वाले ये नेता  क्या ये  लोग इस घटना का विरोध करने की हिम्मत कर सकते है  ए आशीष कुमार ने अभी नाहन पहुंचने पर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वीरेंद्र कश्यप का ये कहना कि संविधानिक दायरे में सवर्ण आयोग बनना चाहिए ए ये भी अपने आप मे उनका दोगला चरित्र दर्शाता है ए क्योंकि उन्हें या तो संविधान का ज्ञान नही या फिर वो जान बूझ कर या किसी डर से साफ शब्दों में ये नही कह पाए कि आयोग किनके लिए बनाए जाते है ए जो व्यक्ति साफ स्पष्ट शब्दों में अपनी बात  नही रख सकते ऐसे शख्स का  अनुसूचित जाति आयोग का अध्य्क्ष बनाना भी दुर्भाग्यपूर्ण है । आशीष कुमार ने कहा कि ये वीडियो सवर्ण आयोग की माँग करने वाले उन नेताओं को देखनी चाहिए जो कहते है कि हम सभी से सम्मान व्यवहार करते है। दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर इस तरह की घटनाओं की निंदा करता है और प्रशासन से माँग करता है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जाए ए क्योंकि समाज के हर वर्ग के स्वाभिमान की रक्षा भी राज्य का कर्तव्य है ए इसलिए इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए व्यक्ति पर तुरन्त कार्रवाई हो  क्योंकि अतरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी इस वीडियो को भेजा गया है ताकि कार्रवाई हो सके।