राजभवन में मनाया गया विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस

राजभवन में मनाया गया विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस

 अक़्स न्यूज लाइन, शिमला, 02, नवम्बर..

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन शिमला में आयोजित आंध्र प्रदेश, अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुंडुचेरी, तमिलनाडु व पंजाब राज्य के स्थापना दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य देश में विभिन्न राज्यों के लोगों में आपसी प्रेम, सौहार्द और एकता की भावना को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक भारत-श्रेष्ठ भारत परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से राजभवन में विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस को मनाने की परम्परा आरम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि देश के नागरिक किसी भी प्रदेश, समुदाय व जाति व धर्म से संबंध रखते हों लेकिन राष्ट्र प्रेम की भावना सबसे महत्त्वपूर्ण है। देश प्रेम व देश भक्ति की भावना के प्रति समाज के सभी वर्गों की संवेदनशीलता आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि आपसी मेल-जोल और सदभाव से न केवल हमें एक-दूसरे की संस्कृति व रीति-रिवाजों को समझने और जानने का अवसर प्राप्त होता है बल्कि इससे राष्ट्रीय एकता की भावना को भी बल मिलता है।  

इस अवसर पर केरल, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों की लोक संस्कृति पर आधारित आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
केरल के निवासी एवं भारतीय वन सेवाएं के वरिष्ठ अधिकारी रवि शंकर ने तबला वादन तथा उनकी पत्नी रजीशा ने मधुर संगीत की प्रस्तुति दी। पंजाब सहायक कमांडर पद पर तैनात राजेन्द्र कुमार ने भी संगीत पर आधारित मनभावन प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश, अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश,

पुंडुचेरी, तमिलनाडु व पंजाब के नागरिकों ने भाग लिया।
राज्यपाल ने सेंट बीड्स महाविद्यालय शिमला, ललित कला महाविद्यालय शिमला तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी शिमला के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 31-31 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल, वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।