सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जिला स्तरीय कल्याण समिति की बैठक आज यहां बचत भवन में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश राज्य 7वां वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक रामपुर नन्द लाल ने की।
बैठक में बताया गया कि समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण तथा उनके उत्थान करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया गया है। योजनाओं के संचालन के लिए सरकार द्वारा हर साल बजट का आबंटन किया जाता है, जिसको व्यय करने के लिए जिला कल्याण समिति का अनुमोदन किया जाता है।
सरकार को भेजा जायेगा अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता को बढ़ने का प्रस्ताव
नन्द लाल ने कहा कि अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत सिलाई मशीन के लिए मिलने वाली वित्तीय सहायता 1800 रुपए बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा क्योंकि आज अत्याधुनिक अनेकों सुविधाओं से लैस सिलाई मशीन बाजार में उपलब्ध है और अगर अनुदान राशि बढ़ेगी तो महिलाओं को लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इस कार्यक्रम के तहत परिवारिक आय 50,000 रुपए से बढ़ाने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा जाएगा।
पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए धरातल पर कार्य करे प्रशासन
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए धरातल पर कार्य करने के लिए प्रशासन तीव्रता से कार्य करे। कोई भी योग्य व्यक्ति योजना के लाभ से कतई नहीं छूटना चाहिए। इसके साथ ही जिन योजनाओं में बजट का प्रावधान नहीं है, उसके लिए सरकार के साथ पत्राचार करके बजट जारी करवाने के लिए प्रयास करें।
जिला में विभिन्न योजनाओं के तहत 90724 लाभार्थियों को धन स्वीकृत कर दिया गया है। वर्ष 2024-25 में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर 1 अरब 58 करोड़ 10 लाख 28 हजार रुपए राशि खर्च की गई है। वर्ष 2024-25 में इंदिरा गांधी प्यारी बहाना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 5249 लाभार्थी रहे।
वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 90195 लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित है। स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत 54, कंप्यूटर एप्लिकेशन 165, राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना 96, वृद्धावस्था पेंशन के 67090, विधवा पेंशन के 15029, दिव्यांग पेंशन के 7552, कुष्ठ रोगी पेंशन के 196 और ट्रांसजेंडर पेंशन के 13 लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित है।
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने अध्यक्ष को सम्मानित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि जिला में योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन तत्परता से कार्य करेगा।
जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा ने सभी अधिकारियों का स्वागत किया और मदों को क्रमवार प्रस्तुत किया।
यह भी रहे मौजूद
जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा, जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, एसडीएम सुन्नी राजेश वर्मा, एसडीएम चौपाल हेम चंद वर्मा, एसडीएम ठियोग शशांक गुप्ता, एसडीएम जुब्बल गुरमीत नेगी, एसडीएम डोडरा क्वार कीर्ति चंदेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के अंतर्गत अनु० जाति, अनु० जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग को मकान निर्माण के लिये अनुदान स्वीकृत किया जाता है। जिनके पास रहने योग्य मकान नहीं है और जिनकी समस्त साधनों से पारिवारिक वार्षिक आय 50,000 रुपए से अधिक न हो तथा अन्य किसी विभाग/कार्यालय से इस प्रकार का कोई अनुदान प्राप्त न किया हो, उनको विभाग द्वारा नए मकान के निर्माण के लिये 1,50,000 रुपए अनुदान राशि के रूप में प्रदान किये जाते है। इस योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 885 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है।
अनुवर्ती कार्यक्रम
अनुवर्ती कार्यक्रम के अंतर्गत अनु० जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित आवेदकों को सिलाई/बढ़ई व लोहार आदि के कार्य के लिए सिलाई मशीन/औजार क्रय करने हेतु अनुदान दिया जाता है जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 50,000 रुपए से अधिक न हो तथा वह इन कार्यों में निपुण हो, उन्हें सिलाई मशीन हेतु 1800 रूपये तथा औजार क्रय करने हेतु 1300 रुपए का अनुदान दिया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में 200 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है।
दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना
ऐसे दिव्यांग छात्र जो किसी सरकारी व निजी संस्थान से पढ़ाई, तकनीकी शिक्षा या डिग्री प्राप्त कर रहे हो तथा जिनकी दिव्यांगता प्रतिशतता जिला दिव्यांगता बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत या इससे अधिक आंकी गई हो, को 625 रुपए से 5000 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसमें 87 मामले प्राप्त हुए है जबकि 44 मामलों को स्वीकृति दे दी गई है।
कंप्यूटर एप्लीकेशन एवं समवर्गी क्रिया-कलापों के अंतर्गत दक्षता योजना
इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, विधवा, एकल नारी एवं दिव्यांगजन, जिनकी उम्र 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच हो व बीपीएल परिवार से सम्बन्ध रखते हो अथवा जिनके माता-पिता व अभिभावक की पारिवारिक वार्षिक आय 2,00,000 (दो लाख) रुपये से अधिक न हो तथा कम से कम 10 जमा 2 तथा स्नातक पास की हो, को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों (नाइलिट व सी-डैक) से पी०जी०डी०सी०ए०/डी०सी० ए० के अंतर्गत एक वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान उन प्रशिक्षुओं को 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति कौशल विकास निगम द्वारा प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त विभाग द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रवीणता हेतु छः माह के लिए विभिन्न विभागों में प्लेसमेंट पर रखा जाता है। प्लेसमेंट के दौरान 1,500 रुपए की दर से मासिक छात्रवृति विभाग द्वारा प्रदान की जाती है तथा विशेष रूप से सक्षम प्रशिक्षु को 1800 रुपए मासिक छात्रवृति प्रदान की जाती है। अभी तक इस वर्ष में 165 लाभार्थी रहे।
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अन्तर्जातीय विवाह पुरस्कार योजना
सामान्य जाति के युवक/युवतियों द्वारा अनुसूचित जाति के युवतियों/युवक से विवाह करने पर 50,000 रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी, जो निर्धारित आयु सीमा पूर्ण करते है, वह ही पात्र होते है। इसके लिए विवाह का पंजीकरण होना अनिवार्य है। अभी तक 9 मामलों को स्वीकृति दी गई है।
दिव्यांग विवाह अनुदान
ऐसी दिव्यांगजन जिनकी दिव्यांगता प्रतिशत्ता जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत या इससे अधिक आंकी गई हो, हि० प्र० के स्थायी निवासी हो और विवाह पंजीकृत हो, को प्रोत्साहन दिया जाता है। 40 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक की दिव्यांगता वाले आवेदकों को 25,000 रुपए तथा 75 प्रतिशत या इससे अधिक की दिव्यांगता प्रतिशत्ता वालों को 50,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हो तो दोनो को उनकी दिव्यांगता के आधार पर राशि प्रदान करने का प्रावधान भी है। इसके तहत 13 लाभार्थी है।
वृद्धावस्था/इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
ऐसे पुरुष वृद्धजन, जो 60 से 69 वर्ष के बीच हो तथा व जिनके परिवार से कोई भी सदस्य सरकारी/अर्द्ध-सरकारी सेवा से पेंशन न ले रहे हो या टैक्स अदा न कर रहे हो, को 1000 रुपए तथा महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह की दर से पेंशन प्रदान की जाती है। उक्त पेंशन हेतु आय सीमा में छूट प्रदान की गई है। 70 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के सभी वृद्धजनों को 1700 रुपए प्रतिमाह की दर से पेंशन प्रदान की जाती है।
दिव्यांगता राहत भत्ता / इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना
ऐसे दिव्यांगजन जिनकी स्थायी दिव्यांगता जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा 40-69 प्रतिशत या इससे अधिक आंकी गई हो, तथा वे स्वयं या उनके अभिभावक किसी भी सरकारी/अर्द्ध-सरकारी सेवा से पेंशन न ले रहे हो तथा आयकर दाता तथा सरकारी सेवा में कार्यरत न हो, पुरुषों को 1150 रुपए तथा महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन प्रदान की जाती है तथा जिन दिव्यांगजनों की दिव्यांगता प्रतिशत्ता 70 प्रतिशत या इससे अधिक हो, को 1700 रुपए की दर से मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।
इंदिरा गांधी विधवा/एकल नारी/परित्यक्ता पेंशन योजना
ऐसी महिला जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है/परित्यक्ता हो/जिनके पति पिछले 7 सालों से लापता हो तथा ऐसी अविवाहित महिला जिसकी उम्र 45 वर्ष हो तथा किसी सरकारी/गैर-सरकारी सेवा में कार्यरत न हो व किसी अन्य स्रोत से पेंशन न ले रही हो तथा आयकर दाता न हो को बिना किसी आय सीमा की शर्त के 1500 रुपए प्रतिमाह की दर से पेंशन प्रदान की जाती है ।
कुष्ठ रोगी पुनर्वास भत्ता
ऐसे कुष्ठ रोगी जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में उक्त रोग हेतु उपचाराधीन है तथा हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हो, पुरुषों को 1000 रुपए तथा महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन के रूप में प्रदान किये जाते है तथा उन्हें आयु सीमा व आय सीमा में छूट प्रदान की गई है।
ट्रांसजेंडर पेंशन
ऐसे ट्रांसजेंडर जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचित राज्य/जिला स्तरीय चिकित्सा बोर्ड द्वारा पहचान किए गए हों, बिना किसी आयु सीमा के ट्रांसजेंडर पेंशन हेतु पात्र होगें। उन्हें 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से पेंशन प्रदान की जाती है।
अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत पीड़ितों को राहत राशि
गैर-अनु० जाति/जनजाति के व्यक्ति द्वारा किसी भी अनु० जाति/जनजाति के व्यक्ति के साथ अत्याचार करने पर पुलिस थाना में दर्ज प्राथमिकी की प्रति, न्यायालय में प्रस्तुत चालान की प्रति तथा बलात्कार के मामले में मेडिकल रिपोर्ट की प्रति प्राप्त होने पर पीड़ित व्यक्ति को 1,00,000 रुपए से 8,25,000 रुपए तक की राहत राशि प्रदान की जाती है।