कृषि एवं किसान कल्याण में मील का पत्थर साबित होगी प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना - किसान होंगे सशक्त एवं समृद्ध ।

कृषि एवं किसान कल्याण में मील का पत्थर साबित होगी प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना - किसान होंगे सशक्त एवं समृद्ध ।

अक्स न्यूज लाइन सिरमौर 11 अक्टूबर :

कृषि  विज्ञान केंद्र, सिरमौर में 11अक्टूबर को  प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना जिसका  शुभारम्भ माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली से किया गया, अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा की आज  11अक्टूबर को भारत रत्न जय प्रकाश नारायण और नाना जी देशमुख की जन्म जयंती के अवसर पर 35000 हजार करोड़ से अधिक की किसान हितैषी योजनाएं राष्ट्र को समर्पित की जा रही हैं और इन  योजनाओं से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित होंगे । इस अवसर पर कृषि  विज्ञान केंद्र, सिरमौर के परिसर में किसान जागरूकता सम्मलेन एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें जिला सिरमौर के विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में किसानो ने भाग लिया । उपस्तिथ किसानो एवं कृषि अधिकारीयों ने माननीय प्रधानमंत्री के सम्बोधन को सुना और किसान एवं कृषि कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की ।

शिविर में प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों और तकनीकों, रबी मौसम उगाई जाने वाली दलहन एवं तिलहन फसलों तथा अन्य कृषि कार्यों से सम्बंधित उन्नत वैज्ञानिक विधियों  के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की  गई। कृषि अधिकारीयों ने उपस्तिथ किसानो से आग्रह किया गया  की वह अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती पद्धति  तथा अन्य कृषि कार्यों के लिए उन्नत तकनीक अपनाने के लिए जागरूक और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण काम करेंगे। किसान सम्मलेन में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि अतीत में हमने पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि रसायनों के दुष्प्रभावों के कारण आज मानव समाज, पशुधन और पर्यावरण स्वास्थ्य खतरे में है और किसान कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी एवं उन्नत वैज्ञानिक विधियों इनका ज्ञान किसानों तक पहुंचे, यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

आत्मा परियोजना, जिला सिरमौर के निदेशक डॉ. साहब सिंह ने कहा की महिलाओं  की भूमिका  प्राकृतिक खेती की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इस शिविर के माध्यम से  उनके काम में और अधिक उत्साह और कर्मठता आएगी, जिससे वे अन्य किसानों को भी इस मिशन से जोड़कर मानव समाज के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम कर सकें । कृषि उपनिदेशक डॉ. राजकुमार ने अपने सम्बोधन में उपस्तिथ किसानो से आग्रह किया की वह केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसान कल्याण  के लिए चलाई जा रही योजनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त कर उनका समुचित लाभ उठाएं ताकि उनकी उनकी आर्थिकी मजबूत हो सके ।  इस  शिविर में केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं दिया गया,  व्यावहारिक अनुभव भी मिला।

किसानो  ने कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शनी फार्म, पशुपालन इकाई के साथ साथ का भी भ्रमण किया जहां उन्होंने देखा कि कैसे प्राकृतिक विधि से फसल उत्पादन कैसे किया जाता है।कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सभी प्रतिभागियों को फसलों  के उन्नत बीज और  कृषि उपयोगी प्रकाशन सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई। इस शिविर ने न केवल किसानों को शिक्षित किया, बल्कि प्राकृतिक खेती के लिए एक मजबूत सामुदायिक नेटवर्क भी तैयार किया है। कार्यक्रम के संचालन में  कृषि विज्ञान केंद्र, आत्मा परियोजना एवं कृषि विभाग से  संगीता अत्री, महिमा सिंह, पुषराज, प्रवीण, महेश सारटा  ने अपना महत्वपूर्ण  योगदान दिया ।