कांग्रेस पलटू नेताओं को अपने बयानों से पलटने की पुरानी आदत: कश्यप
अपने ही नेतृत्व पर भरोसा नहींरामलाल ठाकुर के आँसु बयान करती है कांग्रेस की नाजुक हालत
शिमला: भजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की स्थिति रामलाल ठाकुर के आंसुओं से बयान होती है। रामलाल ठाकुर का दुःख कांग्रेस के भीतर की स्तिथि को साफ दर्शाता है।कांग्रेस पार्टी छिन भिन्न हो चुकी है और उसके पास एक दर्जन से अधिक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।एक कुर्सी के अनेकों चाहवान कांग्रेस पार्टी में मौजूद है, पर उनका सत्ता में आना तो नामुमकिन है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने उद्धृत किया है कि राहुल और प्रियंका गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को महत्व और समय नहीं देते हैं, यही वजह है कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है। यह कांग्रेस नेताओं की अपनी पार्टी के प्रति गंभीरता को दर्शाता है कि ऐसे नेता किसी राज्य या राष्ट्र का नेतृत्व कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ष्यह राहुल गांधी पर निर्भर है कि वह पार्टी को समय देना चाहते हैं, या जीवन में अन्य चीजें करना चाहते हैं। यह उन्हें तय करना है। यदि वह नहीं चाहते हैं तो समय दें, पार्टी में कई नेता और दिग्गज हैं जो उस स्थान को भर सकते हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का दर्द उनकी वाणी में साफ झलक रहा है।
कांग्रेस विभाजन से विसर्जन की ओर बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पूरी तरह अराजकता हैए कांग्रेस अध्यक्ष ने दिल्ली में डांटे जाने पर मीडिया को दिए गए बयान को वापस ले लिया।कांग्रेस के पलटू नेताओं को अपने बयान से पलटने की पुरानी आदत है।
कांग्रेस में पूरा गुटबाजी है और पार्टी में उनके अध्यक्ष के लिए असंतोष है। यह एक कारण है कि उनके वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा कि मुझे कांग्रेस नेताओं ने नहीं सुना।
राम लाल ठाकुर, कौल सिंह ठाकुर और आशा कुमारी की नाराज़गी राज्य और देश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति को दर्शाती है।कांग्रेस पार्टी में घुटन का माहौल और इस कारण कांग्रेस में कांग्रेस नेता अपने महत्वपूर्ण पदों से इस्तीफा दे रहे है।
कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के पलटू नेताओं को अपने बयानों से पलटने की पुरानी आदत है और इस बार कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर बयान से यू टर्न लिया है।
हिमाचल की सियासत का पूरा नजारा देखकर साफ है कि भाजपा पहले से कहीं ज्यादा बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी।