अक्स न्यूज लाइन मंडी, 7 अक्तूबर :
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी मंडी को जिला में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तय मानकों के अनुरूप खाद्य सामग्री की बिक्री सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं ताकि किसी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो। उपायुक्त सोमवार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनिमय 2006 के क्रियान्वयन के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की सातवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने खाद्य पदार्थां की कड़ाई से जांच करने के लिए ज्यादा से ज्यादा नमूने एकत्रित करने के लिए निरीक्षण दल भेजने को भी कहा।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी एल.डी. ठाकुर ने बताया कि पिछले वर्ष नवम्बर, 2023 से लेकर अगस्त, 2024 तक मंडी जिला की खाद्य सुरक्षा विंग ने बिक्री के लिए आए खाद्य पदार्थों के 224 नमूने लिए हैं। जिनमें से 152 की रिपोर्ट आ गई है। जिनमें से 98 नमूने सही पाए गए हैं। 51 नमूने घटिया और गलत ब्रांडेड और 3 स्वास्थ्य के लिए हानिकारक थे। इस दौरान 47 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया, जिनमें से 28 मामलों का एडीएम कोर्ट में निर्णय हुआ है और इन्हें 8,68,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी द्वारा 12 मामले कम्पाउंड किए गए, जिनमें 1.30 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। अब तक 3074 खाद्य व्यवसाय संचालकों को फूड लाइसेंसिंग के दायरे में लाया गया है। इस अवधि में 415 नए लाइसेंस जारी किए गए। तीन जगहों पर उपभोक्ता जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। उपायुुक्त ने मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में अवगत करवाया गया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत मिड डे मील परोसने वाले विद्यालयों का एसएनएफ@स्कूल पोर्टल पर पंजीकृत किया जाना है। अब तक 741 विद्यालय पंजीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने सभी विद्यालयों को एक हफ्ते की भीतर पंजीकरण पूरा करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर फूड सेफ्टी सहायक आयुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय वार्षिक निगरानी योजना 2024-25 के अनुसार लिए गए निगरानी नमूनों में से कनैड और कंसा चौक से ताजा मछली के नमूनों में फॉर्मेलिन की उपस्थिति पाई गई गई। इससे ब्रेन स्ट्रोक और कैंसर होने का खतरा होता है।
बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश ठाकुर, फूड सेफ्टी अधिकारी वर्षा ठाकुर और सचिन लखनपाल सहित कमेटी के अन्य सदस्य मौजूद थे।