ढगवार में 225 करोड़ की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशीला रखेंगे मुख्यमंत्री
सहकारी समितियां की जा रही गठित
उपायुक्त ने बताया कि इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद प्रमुखतः चार जिलों कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर पर केंद्रित होगी, जिससे लगभग आधा हिमाचल प्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होगा। दूध के संग्रहण के लिए जिला कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी सहकारी समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है। इस पहल से आजीविका के नए अवसर पैदा होने के साथ डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता में सुधार होगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के बनने से स्थानीय डेयरी किसानों के बीच व्यापक भागीदारी और समावेशिता सुनिश्चित होगी।
यह उतपाद होंगे निर्मित
बकौल डीसी, यह अत्याधुनिक सुविधा दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजेरेला चीज सहित मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों का उत्पादन करेगी। ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से इन क्षेत्रों में दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
हेमराज बैरवा कहते हैं कि दूध उत्पादन के व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस संयंत्र का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पशुपालकों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाजार प्रदान करके सीधे लाभ पहुंचाना है। उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से दूध के मूल्य को बढ़ाकर, यह संयंत्र पशुपालकों की आय को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।