न हो सड़क हादसे इसलिए समाज सेवी ने भी की थी भूख हड़ताल , अब प्रदीप चौहान ने प्रशासन को घेरा
पांवटा साहिब में एक गोवंश प्रेमी ( सचिन ओबराय ) लंबे समय से सड़क पर बेसहारा घूम रहे गौवंश को सड़कों से हटाने की मांग करता आ रहा है। यही नहीं प्रशासन के कानों तक बात पहुंचे इसके लिए कईं धरने व भूख हड़ताल भी की, लेकिन न तो प्रशासन और सरकार न ही जनता ने उनके मुद्दे को गंभीरता से लिया, आज यदि इन मुद्दों को गंभीरता से लिया तो शायद एक युवक की जान बच सकती थी, जिसने अपनी जान की परवाह न कर गौ माता को खरोंच तक नहीं आने दी।
भारी बारिश और आंधी तूफान में भी सचिन ने गायों के साथ रात सड़कों के किनारे प्रदर्शन करके गुजारी हैँ , लेकिन प्रशासन टस से मस न हुआ। यदि इस मुहिम को जन सहयोग भी मिलता तो गौवंश सड़कों पर न होकर आज कहीं गौशाला या काऊ सेंक्चुरी में होते और यदि ऐसा होता तो आज एक युवक की जान भी बच जाती, जिसने अपनी जान तो गँवा दी लेकिन गो माँ को खरोच न आने दी। जानकरी के मुताबिक आज पावंटा साहिब में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसमें केशव चौहान पुत्र पूर्ण चन्द चौहान निवासी गाँव मकान नंबर 113 शुभखेड़ा पावंटा साहिब जिला सिरमौर ने अपने बयान में बताया है कि बीती रात्री करीब 11 बजे जब यह अपने दोस्त नितिन पुण्डीर के साथ गाड़ी मे बातापुल से पांवटा की तरफ आ रहे थे तो एक गाडी स्विफ्ट हमारे से आगे चल रही थी।
जब हमारे से आगे चलने वाली स्विफ्ट गाडी जब भुपपुर के पास पहुंची तो गाडी के आगे अचानक गाय आ गई जिस कारण स्विफ्ट गाडी चालक ने गाडी को रोड से बाहर की तरफ काट दी तथा गाड़ी रोड से बाहर खडी हाइड्रा के टायर में टकरा गई। टायर में टकराने के बाद गाड़ी घुमकर उल्टी दिशा में हो गई तथा गाड़ी चालक खिडकी से बाहर गिर गया। इसने व नितिन ने गाड़ी रोककर स्विफ्ट गाड़ी के चालक को घायल अवस्था में उठाया, गाड़ी चालक को यह पहचाना था जिसका नाम कमल निवासी भटनोल था तथा गाड़ी का नम्बर उसने HP 85-5656 पढा। उसने व नितिन ने चालक कमल को पहले इलाज हेतु पावटा अस्पताल तथा उसके बाद देहरादून ले जा रहे थे , लेकिन रास्ते में ही चालक कमल की मृत्यु हो गई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। उधर, समाजसेवी और मजदूर नेता प्रदीप चौहान ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है, जारी प्रेस ब्यान में उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब के विभिन्न स्थानों पर बेसहारा पशु वाहन चालकों के लिए आसपास के किसानों के लिए दिनोंदिन जी का जंजाल बन रहे हैं। उन्होने स्थानीय प्रशासन से हाथ जोड़कर निवेदन किया है कि बेसहारा पशुओं को सड़कों पर ना घूमने दिया जाए।
जो व्यक्ति सड़कों पर पशु छोड़ रहे हैं उन पर बड़ी सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब में बेसहारा पशुओं की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। कई एक्सीडेंट हो चुके हैं उसके बावजूद भी सोया हुआ प्रशासन नहीं जाग रहा है। प्रशासन ने जल्द से जल्द यदि आने वाले समय में बेसहारा पशुओं को सड़कों पर छोड़ने वालों पर कार्रवाई नहीं की तो हम चुप नहीं बैठेंगे।