मुख्यमंत्री ने कैंसर मरीजों के लिए मुफ्त दवाइयां प्रदान करने की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालांें में कैंसर के मरीजों को उनके उपचार के लिए 42 दवाइयां मुफ्त प्रदान करेगी। इन दवाइयों को राज्य की अनिवार्य दवा सूची में शामिल किया गया है। इन दवाइयों में कैंसर उपचार के लिए प्रयुक्त होने वाला ट्रासटूजूम्ब टीका भी शामिल है, जिसकी कीमत लगभग 40 हजार रुपये होती है। ब्रैस्ट कैंसर के मरीज को इलाज के लिए वर्ष में ऐसे 18 टीकों की आवश्यकता होती है। इस टीके को उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक मरीज पर प्रदेश सरकार लगभग सात लाख रुपये व्यय करेगी। ये दवाइयां सरकारी अस्पतालांे में लोगों के घर-द्वार के समीप उपलब्ध करवाई जाएंगी।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में कैंसर उपचार सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए 300 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए। इसके तहत 75 करोड़ रुपये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, कैंसर केयर हमीरपुर की आधारभूत संरचना, 75 करोड़ रुपये चमियाणा शिमला में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा तथा 150 करोड़ रुपये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हमीरपुर में विश्व स्तरीय कैंसर उपचार उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जन कल्याण को सर्वोच्च अधिमान दे रही है और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार कैंसर डे-केयर सेंटर चरणबद्ध तरीके से स्थापित कर रही है। प्रथम चरण में 13 अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके दूसरे चरण में 27 हाई लोड सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह सेंटर स्थापित होंगे और तीसरे चरण में 28 संस्थानों में डे-केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। कैंसर डे-केयर केन्द्रों में पेल्लीएटिव केयर यूनिट भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हमीरपुर में स्थापित किए जाने वाले कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विश्व स्तरीय तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यहां न्यूक्लियर मेडिसन का विशेष विभाग स्थापित किया जाएगा, जिसमें बड़ी क्षमता की न्यूक्लियर लैब और साइकलोट्रोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल सुपर स्पेशिएलिटी संस्थान चमियाणा में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन की सुविधा भी आरंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री आरंभ की जाएगी। इसके तहत कैंसर के मामलों व संख्या का अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों में कैंसर के मामलों की स्क्रीनिंग के लिए एक जिला में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने बैठक में बहुमूल्य सुझाव दिए।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा, कैंसर विशेषज्ञ प्रो. जी.के.रथ, डॉ. दिनेश पंडाकर, डॉ. सी.एम. त्रिपाठी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. गोपाल बैरी, और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।