नगर परिषद में समस्याओं को लेकर चढ़ा पारा है, जनता त्रस्त है सत्ता सुख भोग रहे नेता मस्त
अक़्स न्यूज लाइन, नाहन -- 09 मई अरूण साथी
देश में वर्ष 2021 में हुए स्वच्छता सर्व के दौरान टॉप रैंकिंग में शुमार,राज्य सरकार से साफ सफाई को लेकर प्रथम स्थान झटकने और स्वच्छता समेत अन्य बहेतर गतिविधियों में एक करोड़ का इनाम पाने वाली नप नगर परिषद की हालत किसी से छुपी नहीं है। सियासी दखल और कांग्रेस-भाजपा के नप में सालों से रहे सियासी आकाओं की घटिया राजनीति व काम चलाऊ नीतियों के चलते कलकत्ता के बाद देश की सबसे पुरानी नगर परिषद की स्थिति आज दयनीय बनी है।
लोगों के बीच नगर परिषद का प्रभाव व डर खत्म हुआ है। आलम यह है कि विकास कार्यो न होने के मामले में भाजपा शासित परिषद के पार्षदों को खुद आज नप के कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा है।
नप कार्यालय में पार्षद लोगों के साथ धरने पर आने को मजबूर हुए है। शहर की गभीर ज्वलंत समस्याओं का निराकरण के लिए एक्शन लेने में देरी होने से लोग खफा है। लोगों का खुला आरोप है कि आवारा जानवरों, हमलावर कुतों, बंदरो से निपटने के मामले नप प्रशासन सीधी करवाई से बचाता है,अवैध निर्माण,सरकारी जमीनों पर कब्जे, पटरी से उतरी सफाई व्यवस्था व बाजारों में अतिक्रमण पर लगातार एक्शन नही होता और जब कभी होता है तो वोट बटोरने वाले नेता अफसरों पर दबाव बनाने लगते है। ऐसे आरोप खुद भाजपा के पार्षद मीडिया में लगा चुके हैं।
पार्षदों के अनुसार नप में भ्रष्टाचार पनपा है। मिलीभगत से सरकारी जमीनों पर कब्जे कराए जा रहे हैं। पारित प्रस्तवाओं पर नप प्रशासन फाइल आगे नही बढ़ा रहा है। अधिकारी कांग्रेस नेताओं के दबाव में है। लोकसभा चुनाव की बेला पर आचार संहिता के दौरान नगर परिषद में पारा चढ़ा है। समस्याओं को लेकर जनता त्रस्त है और सत्ता सुख भोग रहे नेता मस्त है।