जन सहयोग से काबू की जा सकती है नशे की महामारी - मनमोहन शर्मा
अक़्स न्यूज लाइन, सोलन -30 अप्रैल
समाज में नशे की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि इससे निपटने के लिए समाज और सामाजिक संस्थाओं का योगदान और सहयोग आवश्यक है।
सामाजिक संस्था हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा नशे के खिलाफ आयोजित शिविर के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करते हुए उपायुक्त ने कहा कि हालांकि सोलन जिला में चिट्टे जैसे नशे का प्रभाव कम है परन्तु नशीली दवाओं का प्रयोग अधिक दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस नशा तस्करों पर कड़ी कार्यवाही कर रहा है। केवल नशा करने वालों पर ही कार्यवाही नहीं हो रही बल्कि नशा सप्लाई करने वालों तक पहुँच कर उन पर भी लगाम कसी जा रही है। उन्हें पकड़ कर सप्लाई चेन की कमर तोड़ी जा रही है।
शर्मा ने कहा कि न्याय विभाग, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कमेटी बना कर इसके हर पहलू पर नज़र रखी जा रही है।
उपायुक्त ने नशे के खिलाफ अभियान चलाने के लिए हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के प्रयासों की भी सराहना की। तथा मिलकर इसके खिलाफ कार्य करने का विश्वास दिया।
शिविर में गुंजन संस्था से आये स्रोत व्यक्ति विजय कुमार ने नशे के सेवन, इसके लक्षणों, प्रभावों और इससे उत्पन्न होने वाले विकारों पर विस्तृत चर्चा की।
हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के सचिव सत्यवान पुंडीर ने जानकारी देते हुए कहा कि आगामी समय मे समिति इस अभियान को पंचायत स्तर तक पहुंचाएगी। वहीं समिति के जिलाध्यक्ष बीएस पंवर ने कहा कि सोलन जिला में प्रारंभिक तौर पर सोलन शहर के इर्द गिर्द की 15 पंचायतों के जन प्रतिनिधियों को इस मुद्दे के प्रति जागरूक किया जाएगा और उनसे अपनी पंचायत को नशामुक्त करने के प्रयास किए जायेंगे।
शिविर में हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के कार्यकर्ताओं के आलावा विभिन्न विभागों से सेवनिवृत हुए लोग, आशा वर्कर्स, पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षा विभाग से जुड़े लोग भाग ले रहे हैं। इस मौके पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य उपाध्यक्ष वीरेंद्र कपूर, राज्य सह सचिव सीता राम ठाकुर, वरुण मिहास, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. टीडी वर्मा, सिरमौर के अध्यक्ष आरएल चौहान, जिलों के सचिव डीसी रावत (सोलन), जेआर (रमोल), नवीन शर्मा (शिमला) आदि मौजूद रहे।
समापन सत्र में समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि समस्या गंभीर है जिस पर इसी गंभीरता के साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने समिति को सलाह दी कि इस मुद्दे को एक फैशन की तरह या आत्ममुग्धता के लिए न लिया जाये।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि डिप्टी डायरेक्टर उच्च शिक्षा डॉ. जगदीश नेगी ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए।