गुज्जर समुदाय के आरक्षण रोस्टर से न हो छेड़छाड़ : हंसराज भाटिया सरकार नही मानी न तो दिल्ली में देगें धरना
नाहन, 24 सितंबर : सिरमौर की गिरीपार के हाटी समुदाए को अनुसुचित जाति का का दर्जा दिए जाने के बाद जिले में गुज्जर समुदाय के विरोध के स्वर थमने क ा नाम नही ले रहे है। समुदाय का कहना है कि सरकार के इस फैसले से उनके आरक्षण से छेडख़ानी की जा रही है। शनिवार को जिला मुख्यालय गुज्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया ने बुलाए पत्रकार सम्मेलन बताया कि गिरिपार को अगर जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जाता है तो गुज्जर समूदाय के लिए आरक्षित 7.5 प्रतिशत कोटे में कमी आ जाएंगी जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होने कहा कि फिलहाल कें द्र सरकार ने हाटी समुदाय को अनुसुचित जनजाति का दर्जा प्रदान कर दिया है। भाटिया ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि गिरिपार क्षेत्र के लिए अलग से कोटा निर्धारित करे या कोटे को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उनके हित में जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। शुरूआत में हम हिमाचल के गर्वनर व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अपील कर रहे है। केंद्र सरकार से भी अनुरोध क रेंगे अगर बात नही बनी तो आंदोलन होगा और दिल्ली में जंतर मंत्रर पर धरना देगें। इस मौके पर गुज्जर समाज कल्याण युवा परिषद के सदस्य
नवीन चौधरी ने बताया कि समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है और अपने कोटे को सुरक्षित रखने की मांग कर रहा है उन्होंने कहा कि गिरिपार जनजातीय मामले को आरजीआई ने खारिज कर दिया था लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा रहा है उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो गुज्जर समुदाय न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगा और राजधानी शिमला और जंतर मंतर दिल्ली पर जाकर बडे स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल में केंद्र सरकार ने गिरी पार के हाटी समुदाय को अनुसुचित जनजाति का दर्जा दिया है। जिसके बाद लगातार गुज्जर समाज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।