उपायुक्त ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

अक्स न्यूज लाइन मंडी, 30 जून :
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जिला में जनता के लिए सुरक्षित भोज्य पदार्थ और स्वस्थ आहार सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। वे आज उपायुक्त कार्यालय में सुरक्षित भोजन व सुरक्षित आहार पर गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की 8वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को बाजार में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों विशेषकर एनालॉग (सिंथेटिक) पनीर की बिक्री पर कड़ी नजर बनाए रखते हुए औचक निरीक्षण करने एवं इस बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
बैठक में कहा गया कि दूध से तैयार पनीर के अलावा बाजार में सिंथेटिक पनीर भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहता है। सिंथेटिक पनीर को आम तौर पर दूध के बजाय वनस्पति तेल और स्टार्च जैसी चीजों से बनाया जाता है। इसे स्किम्ड दूध और वनस्पति तेल से भी बनाया जाता है, जिसमें दूध के फैट की जगह वनस्पति तेल का उपयोग किया जाता है। एनालॉग अथवा सिंथेटिक पनीर का सेवन करने से पहले यह महत्वपूर्ण है कि इसके पोषक तत्वों और सामग्री की समुचित जानकारी हो। कुछ सिंथेटिक पनीर उत्पादों में अतिरिक्त रसायन, संरक्षक और कृत्रिम तत्व हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए इसकी सामग्री की जांच करना महत्वपूर्ण है।
उपायुक्त ने बाजार में बिक रहे दुग्ध उत्पादों की भी गुणवता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राहकों का भी आह्वान किया कि उन्हें भी जागरूक होने की जरूरत है तथा पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के बारे में इस पर अंकित सामग्री की भी जांच अवश्य करें।
उन्होंने सहायक आयुक्त, फूड सेफ्टी को निर्देश दिए कि वह पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर खाद्य पदार्थों के अधिक से अधिक नमूने लेने तथा उस पर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं। साथ ही मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार खाद्य मानकों को सुनिश्चित करने के लिए खाद्य क्षेत्र में शामिल सभी हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं तथा जागरूकता शिविरों के आयोजन पर भी बल दिया।
बैठक में सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी एल0डी0 ठाकुर ने बताया कि सितम्बर, 2024 से जून, 2025 तक मंडी जिला में खाद्य सुरक्षा विंग में बिक्री के लिए आए खाद्य पदार्थों के 100 नमूने लिए गए। इसके अलावा 338 निरीक्षण किये गए। इस दौरान 50 उल्लंघनकर्ताओं पर मुकदमा चलाया गया तथा उन्हें 13 लाख 20 हजार रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, पुलिस उप-अधीक्षक दिनेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 दिपाली शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, आईसीडीएस अजय बदरेल, फूड सेफ्टी ऑफिसर वर्षा भी उपस्थित थीं।