अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में हुआ साहित्य चूड़ामणि पंडित भवानीदत्त शास्त्री की स्मृति में बहुभाषी कवि सम्मेलन
अक्स न्यूज लाइन मंडी, 11 मार्च :
छोटी काशी मंडी में मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के उपलक्ष्य में कांगणीधार स्थित संस्कृति सदन में रविवार को जिला स्तरीय बहुभाषी कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि विधायक धर्मपुर चंद्रशेखर जी ने शिरकत करके मंडयाली गीता व कविताओं का लुत्फ उठाया।
चंद्रशेखर ने अपने उद्बोधन में सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वे स्वयं भी लेखन के क्षेत्र में कार्य कर चुके हैं तथा समय-समय पर समाज की समस्याओं को उजागर करते रहे हैं। इसलिए साहित्यकार वर्ग को एक समाज सुधारक के रूप में कार्य करते हुए अपने दायित्व को समझना होगा तभी हमारा देश विभिन्न समस्याओं से मुक्त हो सकता है।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मडयाली गीता पाठ रहा। जिसमें श्रीमद्भागवत गीता के बारहवें अध्याय का पाठ स्थानीय मंडयाली बोली में एक साथ लगभग 20 महिलाओं द्वारा किया गया। मंडी के दिवंगत प्रख्यात साहित्यकार पंडित भवानी दत्त शास्त्री द्वारा श्रीमद्भगवद् गीता का अपनी बोली मंडयाली में अनुवाद किया है।जिसका मंडी में बुजुर्ग महिलाओं द्वारा पाठ किया जाता है। इस मंडयाली गीता को बड़े मंच पर लाने का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को भी इसे पढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
बहुभाषी कवि सम्मेलन के इस महासम्मेलन में बहुत सारे साहित्यकारो ने अपनी कला, कलम व वाणी का प्रदर्शन किया जिसमें विनोद कुमार, कनु प्रिया, रीता कुमारी, प्रकाश चंद धीमान, राजेंद्र सिंह ठाकुर, विनोद कुमार गुलेरिया, सुरेंद्रपाल, संजय कुमार, विद्या शर्मा, रोशनी वर्मा, निर्मला चंदेल, रूपेश्वरी, हरी प्रिया, हेम राज, चंपा शर्मा, सरिता हांडा, दक्षा शर्मा, लतेश कुमार शर्मा, विनोद राणा, भूपेंद्र, धर्म चंद, यश पाल राठौर, मुरारी शर्मा, सुरेंद्र मिश्रा, हीरा सिंह कौशल, भीम सिंह परदेसी, वेद कुमार, उमेश शर्मा, जितेंद्र, शुभम चौधरी, पोमेला ठाकुर, अनु ठाकुर, प्रमोद कुमार हर्ष, पारुल अरोड़ा, जगदीश कपूर, पुर्णेश गौतम, आशा ठाकुर, खेम चंद शास्त्री, जीतेश शर्मा, रणवीर गुप्ता, धर्मपाल कुंडल आदि ने अपनी-अपनी कविता सुनाई और भीष्म ने मैं और मेरी बांसुरी कविता में कविता और बांसुरी कि धुन सुनाई।
भाषा एवम् संस्कृति विभाग की जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने मुख्य अतिथि विधाायक चंद्रशेखर और विशेष अतिथि कविता शेखर को समानित किया। भाषा अधिकारी द्वारा मुख्य अतिथि सहित सभागार में बैठे अन्य सभी गणमान्यों व सभागार में उपस्थित सभी का धन्यवाद किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में सबके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।