हिमुडा के 45 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

हिमुडा के 45 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक


हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के विकासनगर में हिमुडा के 45 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट बहुमंजिला व्यावसायिक कांप्लेक्स के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने हिमुडा को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट के 18 अक्तूबर 2022 के निर्णय को लागू करने पर स्थगन आदेश पारित किए हैं। 
विकासनगर में पेट्रोल पंप के पास 102 दुकानें, फूड कोर्ट, सरकारी कार्यालय, कॉफी शॉप, 217 गाड़ियों की पार्किंग और हॉल का निर्माण प्रस्तावित है। 5 अगस्त 2017 को हिमुडा ने इसके लिए 85,30,43,091 रुपये की लागत से ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित की थीं। इस पर हिमुडा ने कोई कार्रवाई नहीं की।
4 अक्तूबर 2018 को दोबारा 45,44,66,273 रुपये की लागत से निविदाएं आमंत्रित कीं, लेकिन हिमुडा ने फिर कोई कार्रवाई नहीं की। नवंबर 2018 में चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा में कुछ जरूरी शर्तें हटा दीं। इस टेंडर प्रक्रिया में दलीप सिंह, मैसर्ज लेवल 9 बिज और मैसर्ज वासु कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भाग लिया। हिमुडा ने दो आवेदन खारिज कर वासु कंपनी को ठेका दे दिया।  
इस निर्णय को दलीप सिंह और मैसर्ज लेवल 9 बिज ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने इसकी जांच सतर्कता विभाग के महानिरीक्षक की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी से करवाई। न्यायाधीश ने कहा कि हिमुडा के उच्च पदाधिकारियों ने चहेतों को फायदा देने के लिए निविदा आवंटन में हेराफेरी और अनियमितताएं बरती हैं। 
इससे प्रदेश के राजस्व को नुकसान हुआ है। 25 सितंबर 2020 को हिमुडा ने कोर्ट में बयान दिया कि 24 सितंबर 2020 को टेंडर रद्द करने का निर्णय लिया है। हिमुडा के इस बयान पर हाईकोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया। उसके बाद वासु कंपनी ने टेंडर रद्द करने के निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। खंडपीठ के समक्ष अपना बयान बदलते हुए हिमुडा ने कहा था कि यदि याचिकाकर्ता इस प्रोजेक्ट को बनाना चाहता है तो टेंडर रद्द करने की प्रक्रिया रोक दी जाएगी। 
वासु कंपनी ने कोर्ट में बयान दिया कि उसे हिमुडा की यह शर्त मंजूर है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर याचिका का निपटारा कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को मैसर्ज लेवल 9 बिज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए निर्माण पर अंतरिम रोक लगा दी है।