हिमाचल प्रदेश में 69 अनुसंधान परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई

हिमाचल प्रदेश में 69 अनुसंधान परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई

अक्स न्यूज लाइन  नई दिल्ली , 06 दिसंबर : 
डा सिकंदर कुमार, राज्यसभा सांसद राज्यसभा में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री से पूछा कि क्या वैज्ञानिक गतिविधियों में निवेश को बढ़ाकर और जनशक्ति की प्रगति के माध्यम से वैज्ञानिक उत्कृष्टता और विकास का समूहन किया गया है ? हिमाचल प्रदेश में विगत दो वर्षों के दौरान नवोन्मेष और अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए कितनी धनराशि आबंटित की गई और क्या सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में विज्ञान और प्रोद्योगिकी अवसंरचना के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाया गया है ?
डाॅ0 सिकंदर कुमार के सवालों का जवाब देते हुए विज्ञान और प्रोद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री डाॅ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वैज्ञानिक उत्कृष्टता का समूहन अनुसंधान एवं विकास, नवोन्मेष, संस्थागत एवं मान क्षमता वर्धन और सहयोग में निवेश का प्रायः परिणाम होता है। भारत के वैज्ञानिक कार्यबल में विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं-किरण, प्रेरित अनुंसधान के लिए विज्ञान में नवोन्मेष, प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येतावृति जैसी विविध प्रकार की निधीयन योजनाओं और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अन्य वैज्ञानिक विभागों की अध्येतावृतियों के माध्मय से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी संसद में प्रस्तुत की।
केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ0 जितेन्द्र सिंह ने बताया हिम विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के तहत विविध विभाग/एजेन्सियों द्वारा हिमाचल प्रदेश में गत दो वर्षों में नवोन्मेष और अवसंरचना को प्रोत्साहित करने हेतु 2022-23 में 10.45 करोड़ व 2023-24 में 12.79 करोड़ रू0 की राशि आबंटित की गई है।
डाॅ0 जितेन्द्र सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विभिन्न स्कीमों के माध्यम से शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानो में अनेक आर एंड डी परियोजनाओं को सक्रिय रूप से सहायित किया है। इन पहलों का उदेश्य हिमाचल प्रदेश राज्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना निर्माण में सुदृढ़ करना है। उन्होनें बताया कि गत दो वर्षो में, आईआईटी मण्डी में मानव कंप्यूटर इंटरेक्शन के प्रोद्योगिकी उदभाग पर केंद्रित आईआईटी मण्डी आईहब और एचसीआई फांउडेशन नाम प्रोद्योगिकी नवोन्मेष केन्द्र की स्थापना की गई है।

राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में स्थापित आईटीबीआई-उतिष्ठित, प्रोद्योगिकी कार्य उदभवक के रूप में कार्य करता है जबकि कैरियर प्वाइंट विश्वविद्यालय, हमीरपुर में प्रोद्योगिकी सक्षम केन्द्र की स्थापना की गई। शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन को अपनी आर एंड पी अवसंरचना के विकासार्थ पर्स के तहत सहायता प्राप्त हुई है। उन्होनें बताया कि हिमाचल प्रदेश में 69 अनुसंधान परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई है। 

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