सराज में बोले नेता प्रतिपक्ष, जनता ने नकार दी कांग्रेस की झूठी गारंटियां :कहा, चुनावों में वोट के लिए दिया प्रलोभन,
अक़्स न्यूज लाइन, मंडी--05 जून
हिमाचल प्रदेश की जनता ने वोट के माध्यम से कांग्रेस सरकार की झूठी गारंटियों की हवा निकाल दी है जबकि नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। 68 में से 63 विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने कांग्रेस को हराकर बता दिया है कि वे कांग्रेस पार्टी की झूठी गारंटियों में नहीं फंसने वाली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के नेतृत्व वाली इस सरकार ने चुनावों से पूर्व और चुनाव के दौरान झूठ बोलकर मात्र वोट हासिल करने की मंशा से माताओं और बहनों को हर माह 1500 देने के नाम पर भ्रमित करने का प्रयास किया लेकिन प्रदेश की बुद्धिजीवी महिला मतदाताओं ने उसे नकार दिया। मातृ शक्ति ने बता दिया कि सिर्फ़ चुनावी लाभ के लिए ऐसे प्रलोभन किसी काम नहीं आने वाले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सराज के थुनाग में कहा कि ये जीत सामान्य नहीं है। जनता ने कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ अपना रोष प्रकट किया है।
जनता ने दस वर्ष केंद्र में मोदी सरकार द्वारा किये गए कामों को देखते हुए और 16 महीने पहले सत्ता में आई इस सरकार द्वारा हजारों संस्थानों को बंद करने के विरोध में भी मतदान किया है। ये ऐसी पहली सरकार है जिसने सत्ता संभालने के एक वर्ष के अंदर ही जनता का विश्वास खो दिया है। अब लोकसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस के नेता तरह तरह की बातें कर रहे हैं जबकि सच्चाई ये है कि मुख्यमंत्री सिर्फ़ अपनी सरकार बचाने तक सीमित रहे। वे अपने घर में भी कांग्रेस प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए जबकि दावे सभी सीटें जितने के कर रहे थे। उन्होंने सराज के स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं को जीत की बधाई देते हुए कहा कि तीन वर्षों से अपना सांसद न होने के कारण केंद्र से मिलने वाली सहायता से आप वंचित रहे लेकिन अब आपने अपनी सांसद जिताकर दिल्ली भेजी है।
निश्चित रूप से अब ये कमी भी दूर होगी। उन्होंने मातृ शक्ति का आभार जताते हुए कहा कि आपने कांग्रेस पार्टी के प्रलोभन को ठुकरा कर मोदी जी की गारंटी पर विश्वास जताया है उसके लिए आप बधाई और प्रशंशा की पात्र हैं। कांग्रेस ने बीच चुनाव में महिलाओं को 1500-1500 पाने के लिए लाइनों में लगकर फार्म भरने को मजबूर किया लेकिन सब जानते हैं कि इनकी मंशा ही ये देने की नहीं है। अगर सभी महिलाओं को देने ही थे तो वायदे के मुताविक पहली कैबिनेट बैठक के बाद देते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये सिर्फ वोट हासिल करने के लिए ऐसे प्रलोभन देते हैं।