अक़्स न्यूज लाइन पांवटा साहिब 03 जनवरी : हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड में सरकार बनाने के 1 साल बाद OPS का तो कोई पता नहीं है लेकिन अभी तक दिसम्बर माह की तनख्वाह आज 03 तारीख होने के बाद भी नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि सरकार 125 यूनिट फ्री बांट रही है और इसका भुगतान बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को चुकाना पड रहा है । हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड एक सरकारी संस्था है जिसमें सरकार के सारे नियम कानून लागू होते हैं। इसलिए अगर दूसरे सरकारी संस्थाओं में OPS बहाल हुई है जिनकी अपनी कोई कमाई का साधन नहीं और शत प्रतिशत सरकार पर आधारित है जिनकी तनख्वाह और पेंशन सरकार ही देती है फिर बिजली बोर्ड जो कि कमाई करने वाली संस्था है उसके साथ सरकार सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है ?
बिजली बोर्ड में पेंशन लागू करने के लिए सरकार बिजली बोर्ड का फायदा या नुकसान का हिसाब लगा रही है। जबकि अभी तक जिन बिभागों को HPSEBL को छोड़ कर, पेंशन लागू कर दी गई है वो सभी विभाग सिर्फ इनकम टैक्स के पैसे से चलते हैं जिनकी अपनी कोई आय नहीं है। क्या यह सही है?
बिजली बोर्ड की इनकम बहुत आसानी से बढाई जा सकती है सिर्फ़ बिजली की कीमत बढ़ा कर, जो कि सिर्फ सरकार के हाथ मे है। फिजूल के खर्चे कम करके जो कि प्रबंधन एवं सरकार के हाथ मे है। बिजली बोर्ड का कर्मचारी सिर्फ मेहनत कर सकता है, जो आप लोगों ने पिछले corona काल और अभी-अभी आई आपदा के समय मे देख ही लिया है । फिर बिजली बोर्ड के कर्मचारी दूसरे कर्मचारियों से अलग क्यों ? हमारी पेंशन बहाल क्यों नहीं हो रही है।
हमारी सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन से सिर्फ यह गुजारिश करते हैं कि आउटसोर्स कर्मचारी जो अपनी सेवाएँ बहुत कम सैलरी के बावजूद मेहनत और ईमानदारी से इस महंगाई के दौर में नियमित कर्मचारी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण बंद किया करें और उनकी एक स्थाई नीति बनाई जाए ।