संजय रतन के सवाल पर बोले मुख्यमंत्री......स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को पूरा मानसम्मान देगी सरकार......

संजय रतन के सवाल पर बोले  मुख्यमंत्री......स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को पूरा मानसम्मान देगी सरकार......

अक्स न्यूज   लाइन .. शिमला, 23  सितंबर  

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन शनिवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही बगैर गतिरोध के शुरू हुई। सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को लेकर पूर्व भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बनाना चाहिए था। स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को भी इन कार्यक्रमों में बुलाना चाहिए था। इससे सेनानियों को भी मान.सम्मान मिलता। पूर्व भाजपा सरकार ने इस कार्यक्रम को बोझ समझा क्योंकि चुनावों का समय था इसलिए कार्यक्रमों को फटाफट निपटा दिया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में जब भी इस तरह के कार्यक्रम करेंगे ए सभी स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को बुलाया जाएगा। उन्हें सरकार पूरा मान.सम्मान देगी। प्रश्नकाल में पहला सवाल ज्वालामुखी के कांग्रेस संजय रतन ने किया। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रश्न किया कि इस पर कितना खर्च किया गया। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा होता कि इस बजट से शहीद स्मारक बनाते। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल किया कि केंद्र सरकार के कार्यक्रमों से सरकार खुद को कितना अलग रख सकती है। 
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में नोकझोंक होती रही। मुख्यमंत्री

सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हमने तो यह कहा ही नहीं कि हम अमृत महोत्सव नहीं मनाएंगे। नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं कि हम क्या उन योजनाओं से खुद को अलग करेंगे। कार्यक्रम किए गए लेकिन उनके परिवार के लोगों को बुलाते तो अच्छा होता। कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के लिए होना चाहिए था। ये उन परिवारों का सम्मान कर रहे हैंए जहां कुछ भी नहीं है। 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस समारोह को पूरा देश मना रहा है तो उस कार्यक्रम को प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। अगर लागू करेंगे तो उसमें खर्च भी होगा। अगर कुछ लोग छूट गए हैं तो क्या कह सकते हैं। आपातकाल इस देश का काला इतिहास है। क्या इस बारे में जो विधेयक लाकर किया गया है उस बारे में सोचेंगे।