असम की तर्ज पर सिरमौर जिला के अजगा गांव में स्थापित होगी कामाख्या शक्तिपीठ : डॉ. संजय शर्मा
- सोलन
उत्तरी भारत के लोगों को अब कामाख्या शक्ति पीठ के दर्शन करने के लिए असम नहीं जाना पड़ेगा। यदि सब कुछ सामान्य रहा तो वर्ष 2025 तक सोलन व सिरमौर जिला की सीमा पर स्थित उप तहसील नारग के गांव अजगा में उत्तरी भारत की पहली कामाख्या शक्तिपीठ स्थापित होगी।
यह बात कामाख्या शक्तिपीठ असम से दीक्षित और देश-विदेश में सनातन धर्म का प्रचार करने वाले डॉ.संजय शर्मा ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि नारग के समीप अजगा गांव के वह निवासी हैं और इसी गांव में अपनी निजी भूमि पर वह कामाख्या शक्तिपीठ का निर्माण करेंगे।
उन्होंने बताया कि शक्तिपीठ का निर्माण चंडी साधना परिवार की ओर से किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने अपनी चार बीघा जमीन इस कार्य को दी है। यह उत्तरी भारत में अपनी तरह की पहली कामाख्या शक्तिपीठ होगी। इसका निर्माण असम की कामाख्या पीठ की भांति किया जाएगा।
इसके बाद यहां कामाख्या माता को पिंडी रूप में स्थापित किया जाएगा। ज्योतिष में पीएचडी डॉ.संजय शर्मा ने बताया कि कामाख्या माता तंत्र-मंत्र के लिए जानी जाती है, लेकिन अजगा में जो कामाख्या शक्तिपीठ बनेगी वह दक्षिणमार्गी होगी यानि यहां सात्विक मार्ग से माता की स्थापना की जाएगी।
डॉ. संजय हाल ही में इंग्लैंड समेत स्कॉटलैंड , वेल्स , नार्थन आइलैंड आदि देशों की यात्रा करके लौटे हैं। उन्होंने कहा कि देश में ही नहीं विदेश में भी कामाख्या माता के भक्तों की संख्या कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना और विश्व कल्याण की दिशा में कार्य करना। इसके चलते उन्होंने अपने पैतृक गांव में माता कामाख्या की शक्तिपीठ स्थापित करने का निर्णय लिया।
इस पुनीत कार्य में उनके साथ लोग जुड़ रहे हैं और उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक यहां एक भव्य कामाख्या शक्ति पीठ का मंदिर बने ताकि लोगों को माता के दर्शन करने के लिए असम न जाना पड़े। इस अवसर पर रविंद्र पंवर, विनोद और अनिल शर्मा भी मौजूद रहे।