विक्रमादित्य सिंह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भेंट की
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने के लिए यमुना पुल की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन यातायात की आवाजाही के दौरान पुल पर भारी कम्पन की स्थिति बनी रहती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आकलन और प्राप्त हुए सुझावों के आधार पर 22 दिसंबर, 2020 को पुल की मरम्मत की स्वीकृति प्रदान की गई। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग ने 18 सितंबर, 2021 को 1.44 करोड़ रुपये के बजट के साथ पुल की मरम्मत का कार्य अवार्ड किया। मरम्मत कार्य को पूरा करने में विलंब हुआ क्योंकि बेयरिंग को बदलने के लिए पुल पर दो माह के लिए यातायात आवाजाही को बंद किया जाना बेहद जरूरी था।
उन्होंने कहा की पुल के मरम्मत कार्य के दौरान यातायात को परिवर्तित करने की व्यापक योजना बहुत जरूरी है ताकि यात्रियों को भी किसी प्रकार की असुविधा न हो और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी सुचारू रूप से बनी रहे। उन्होंने कहा कि यातायात परिवर्तित करने की योजना को अति शीघ्र शुरू करना बहुत जरूरी है जिसके लिए दोनों राज्यों में समन्वय की आवश्यकता है।
उन्होंने पुष्कर सिंह धामी से नैटवाड़ और पुजारली सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा की दूर-दराज के क्षेत्रों को मानसून और सर्दियों के दौरान जोड़ने और संपर्क रखने के लिए यह सड़क बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा की सर्दियों और खराब मौसम में डोडरा क्वार में कनेक्टिविटी न होने से यह क्षेत्र देश और दुनिया से पूरी तरह कट जाता है। उन्होंने इस मार्ग पर निर्माण की लंबित प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया ताकि सर्दियों में निर्बाध सड़क कनेक्टिविटी बनी रहे।
उन्होंने दोनों राज्यों की सीमा साझा करने वाले और सामरिक महत्व के प्रदेश में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्गों के बारे में भी पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की।
विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष के माध्यम से बातचीत भी करवाई। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हाल ही में आई आपदा और पहाड़ी क्षेत्रों की चुनौतियों पर चर्चा की।
दोनों मुख्यमंत्रियों ने सहमति जताते हुए कहा की केंद्र सरकार के समक्ष इन चुनौतियों को रखा जाएगा ताकि केंद्र आपदा प्रभावित क्षेत्रों की ओर विशेष ध्यान केंद्रित कर सके।