राज्यपाल ने 28 स्कूलों के 356 मेधावियों को किया सम्मानित
इस अवसर पर उन्होंने शिमला शहर के 28 स्कूलों के 356 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
प्रतिभावान विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि बच्चों का लक्ष्य राष्ट्र का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने बच्चों को समय का सदुपयोग कर भविष्य की चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा। उन्हांेने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों से अनेक अपेक्षाएं रखी जाती हैं। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे बच्चों के समग्र विकास के लिए उन्मुक्त वातावरण उपलब्ध करवाएं और उन्हें सही दिशा प्रदान कर उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करें।
प्रदेश में नशे की बढ़ती हुई प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अध्यापकों को युवाओं को इस बुराई से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को देव-भूमि हिमाचल की प्रतिष्ठा को बनाए रखना चाहिए।
राज्यपाल ने शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और खेल गतिविधियों में भाग लेने के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।
कार्यक्रम के आयोजन के लिए मीडिया ग्रुप को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह बच्चों को जीवन के लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम, संकल्प और निरंतर सीखने की कला से जीवन मेें सफलता को प्राप्त किया जा सकता है। हर विद्यार्थी प्रतिभावान होता है और अभिभावकों और अध्यापकों की जिम्मेदारी होती है कि वे विद्यार्थी की प्रतिभा को खोजकर उसमें निखार करे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और प्रदेश सरकार राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में भी शिक्षा को विस्तार प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार शैक्षणिक अधोसंरचाना के सुदृढ़ीकरण पर भी विशेष बल दे रही है। इसके लिए अध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में कलस्टर व्यवस्था, बेहतर स्कूल और गुणात्मक शिक्षा पर बल दिया जा रहा है।
इस अवसर पर दिव्य हिमाचल के राज्य ब्यूरो चीफ राजेश मंढोत्रा ने राज्यपाल का स्वागत किया।