लोकतन्त्र का काला अध्याय था आपातकाल, सम्मानराशि बंद करना थी तानाशाही. जयराम ठाकुर

लोकतन्त्र का काला अध्याय था आपातकाल, सम्मानराशि बंद करना थी तानाशाही. जयराम ठाकुर

अक़्स न्यूज लाइन,शिमला --03 अप्रैल
 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि बहाल करने के उच्च न्यायालय के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आपातकाल में देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करने वाले प्रहरियों हो भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मानित किया गया था। लेकिन कांग्रेसनीत सुक्खू सरकार के आते ही इस सम्मान राशि को बंद केआर दिया गया था।

आपातकाल की ही तरह यह कृत्य भी तानाशाही थी। आज माननीय उच्च न्यायालय ने सुक्खू सरकार के इस मनमाने फ़ैसले पर रोक लगाकर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले प्रहरियों के हक़ में फ़ैसला सुनाया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना की बहाली का हार्दिक स्वागत है। लोकतंत्र प्रहरियों की इस जीत से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार यह यह फ़ैसला भी असंवैधानिक था। 

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना के तहत  पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 15 दिनों तक जेल में रहने वाले लोकतंत्र प्रहरियों  को प्रतिमाह 15 हज़ार एवं उससे ज़्यादा समय तक जेल में रहने पर 20 हज़ार प्रतिमान दिए जाते थे। जिसे सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था।