अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा कर्टेन रेजर समारोह नई दिल्ली में आयोजित
यह बात श्री ठाकुर ने शुक्रवार सायं नई दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में आयोजित ‘30 डेज टू गो’ उद्घाटन समारोह (Curtain Raiser Ceremony) को संबोधित करते हुए कही। मुख्य संसदीय सचिव ने 17वीं शताब्दी से चली आ रही कुुल्लू दशहरा की ऐतिहासिक परंपरा की झलक दिखाई। उन्होंने कहा कि कुल्लू में लगभग 365 स्थानीय देवी-देवता निवास करते हैं इसलिए इस भूमि को देवभूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के आयोजन के लिए अब तक 332 स्थानीय देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जा चुका है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं इसलिए न केवल कार्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, बल्कि इसके विस्तार पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय यह कार्यक्रम बीते वर्षों की परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा, हालांकि वाणिज्यिक व्यापार मेले दीवाली के त्योहार तक जारी रहेंगे। इसमें ऑटो मेला, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और स्टॅाल शामिल हैं।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुल्लू दशहरा के बारे में लोगों को व्यापक स्तर पर जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है जहां वे हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र आदि उत्कृष्ट वस्तुएं भी खरीद सकते हैं।
श्री ठाकुर ने देशभर के लोगों का कुल्लू में इस भव्य आयोजन को देखने के लिए आने का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा, सांस्कृतिक परेड, कुल्लू कार्निवाल, ललहरी, खेल गतिविधियां, कला केंद्र प्रदर्शन और व्यापार मेला सात दिवसीय इस आयोजन के मुख्य आकर्षण होंगेे। इस अवसर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा विवरणिका का विमोचन भी किया। प्रधान आवासीय आयुक्त एस. के. सिंगला ने आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक नीरज चड्डा ,उपायुक्त कुल्लू के सहायक आयुक्त शशि पाल नेगी भी उपस्थित थे।