गिरिपार क्षेत्र में एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट 1989 बरकरार रहे-----

गिरिपार क्षेत्र में एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट 1989  बरकरार रहे-----

दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर ने पत्रकारवत्र्ता में लगाई गुहार 

नाहन,21 मई :गिरिपार जनजातीय क्षेत्र को जनजातीय दर्जा मिलने की क्षेत्र में  एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट 1989  बरकरार रहना चाहिए। वर्तमान में क्षेत्र में रहने वाले एससी, दलित समुदाय में डर पनप रहा है कि कहीं दर्जा मिलने के बाद  एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट 1989 प्रभावित तो नही हो जाएगा। दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर के संयोजक आशीष कुमार ने पत्रकारवात्र्ता में कहा कि  
 सरकार गिरिपार इलाके को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के बाद दलितों से जुड़े अधिकारों को सुरक्षित रखे जाऐं। आशीष कुमार ने कहा कि क्षेत्र में रह रहे अनुसूचित जाति वर्ग के करीब 1 लाख 76 हजार लोगों को इस बात का डर सताने लगा है कि  यदि इस इलाके को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जाता है तो उनके  अधिकारों को खत्म कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ उत्पीडऩ के मामले लगातार सामने आते रहते है ऐसे हालात में मंच ने देश के प्रधानमंत्री व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत सरकार को मांग पत्र लिखकर दलितों के साथ गिरीपार क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों द्वारा किए जा रहे बरर्ताव की जानकारी दे दी है। आशीष कुमार ने कहा कि दलित शोषण मुक्ति मंच को गिरीपार क्षेत्र को केंद्र द्वारा जनजातीय दर्जा देने का कोई एतराज नही है। लेकिन क्षेत्र में रहने वाले एससी,दलित वर्ग के अधिकारों के सुरक्षा की गरंटी सरकार को देनी होगी। गिरिपार क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लोगों में इतना भय है कि वे सरेआम अपने हितों की बात नहीं कर सकते। अनुसूचित जातियों पर जातियों आधार पर अत्याचार, शोषण थमने का नाम नही ले रहा है।

 आशीष कु मार ने बताया के सरकारी आंकड़ों के अनुसार  2015 से 2021 तक जिला सिरमौर मेें एट्रोसिटी एक्ट तहत 116 मामले दर्ज हो चुके है जिसमें से 100 मामले  गिरिपार क्षेत्र से दर्ज हुए है। मंच यह भी मांग करता है कि पंचायती राज चुनावी प्रणाली के अंतर्गत मिलने वाले आरक्षण को भी बरकरार रखा जाना चाहिए।