हम सभी को हिन्दी भाषा पर होना चाहिए गर्व - विक्रमादित्य सिंह

हम सभी को हिन्दी भाषा पर होना चाहिए गर्व - विक्रमादित्य सिंह
अक्स न्यूज लाइन शिमला 14 सितंबर : 
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हम सभी को हिन्दी भाषा पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी भाषा को विश्व भर में अलग पहचान मिली है और भारत देश आज विश्व भर में एक सशक्त देश के रूप में जाना जाता है। विक्रमादित्य सिंह आज यहाँ ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम लोग अंग्रेज़ी भाषा से बाहर निकलें और हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी विभिन्न देशों में अपनी मातृभाषा का प्रयोग अपने संबोधन में करते हैं जिससे हमारे देश को एक अलग पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि जी-20 समिट का आयोजन दिल्ली में किया गया जिसमें विभिन्न देशों ने भाग लिया और हमारे देश को एक सशक्त देश के रूप में पहचान मिली है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का निर्माण स्वर्गीय डॉ यशवंत सिंह परमार के प्रयासों से हुआ और तब से लेकर आज तक हिमाचल प्रदेश ने देश और विदेशों में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस उपलब्धि में प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों ने अपना योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर हम अपनी परंपराओं को नजरअंदाज न करें। यह हमारा दायित्व है कि हम अपनी संस्कृति को आगे ले जायें और भावी पीढ़ी के लिए संजोकर रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों के रख-रखाव पर करोड़ों रुपये दिये  हैं और इसका जीवंत उदाहरण शिमला का तारा देवी मंदिर है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि विकास जरूरी है पर हमारी सभ्यता को भी सहेजने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत को एक सशक्त देश के रूप में देख रहा है और हमें भी इसमें अपना योगदान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में रह रहे हिमाचलियों के साथ भी मेल-मिलाप को बढ़ावा देने जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से भी विदेशों में रह रहे हिमाचलियों से संपर्क स्थापित किया जा सकता है।  कार्यक्रम में विक्रमादित्य सिंह साहित्यकार चिरानंद शास्त्री की पुस्तक का विमोचन भी किया।  
निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ पंकज ललित ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में विभाग द्वारा पिछले 15 दिनों से सभी जिलों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई हैं और समापन पर राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सभी जिलों में अंतर विद्यालय प्रतियोगिताओं में 350 स्कूलों ने भाग लिया और अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिताओं में 45 महाविद्यालय के 175 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को आज यहां सम्मानित किया का रहा है। 
उन्होंने कहा कि हिन्दी दिवस का आयोजन केवल औपचारिकता मात्र नहीं है बल्कि यह यह अवसर है अपनी जड़ों से जुड़ने का। उन्होंने कहा कि हिन्दी सांस्कृतिक विरासत है और विश्व में तीसरी सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि हमें हिन्दी भाषा को और समृद्ध बनाने के प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जितना प्रयोग हम हिन्दी भाषा का लिखने और बोलने में करेंगे, यह भाषा उतनी ही समृद्ध होगी।डॉ पंकज ललित ने कहा कि हमें संकल्प लेने होगा कि जहां भी संभव होगा वहाँ हिन्दी भाषा का पूर्ण उपयोग करेंगे।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आईएएस डॉ देवेंद्र गुप्ता ने राजभाषा के रूप में हिन्दी की यात्रा कितनी सफल और सेवानिवृत्त आईएएस श्रीयुत श्री निवास जोशी ने समाजोन्मुखी योजनाओं, नीतियों एवं कानूनों के निर्धारण के चिंतन में हिन्दी विषयों पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।  कार्यक्रम में संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने सरस्वती वंदना और समूह गान की प्रस्तुति दी।