बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर रावमापा हरोली में कार्यशाला आयोजित
एसडीएम हरोली विशाला शर्मा ने कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का उद्देश्य समाज में बालिका लिंग अनुपात को संतुलित करना, लड़कियों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना और उन्हें समान अधिकार देना है। उन्होंने बताया कि एक समृद्ध और सशक्त समाज की नींव बेटी को बचाने और उसे शिक्षित करने से बनती है। वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं, इसलिए उनकी उच्च शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए, ताकि वे परिवार, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकें।
कार्यक्रम में डॉ. शिखा शर्मा, चिकित्सा अधिकारी ने किशोरियों के लिए सुपोषण, माहवारी स्वच्छता और मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों और मिथकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किशोरियों के स्वच्छता संबंधी व्यवहार और माहवारी के दौरान सफाई के तरीकों पर भी विशेष जोर दिया।
बाल विकास परियोजना अधिकारी हरोली, शिव सिंह ने बताया कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत खंड हरोली में शिशु लिंगानुपात 940 तक पहुंच चुका है, जो इस अभियान की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों को इस दिशा में योगदान देने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान, महिलाओं और किशोरियों को उनके स्वास्थ्य, अधिकारों और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। यह कार्यशाला “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “वो दिन योजना” के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई और लोगों में जागरूकता का संचार किया। इस मौके पर डीपीओ ऊना नरेंद्र कुमार, स्कूल प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार, परियोजना की सुपरवाइजर नीलम सैणी, ब्लॉक कार्डिंनेटर पोषण ज्योति शर्मा सहित स्कूली स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
हरोली, 22 जनवरी। महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हरोली में खंड स्तरीय “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “वो दिन योजना” पर एक दिवसीय कार्यकम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसडीएम हरोली विशाला शर्मा ने की। इस दौरान समाज में बेटियों के महत्व और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई।
एसडीएम हरोली विशाला शर्मा ने कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का उद्देश्य समाज में बालिका लिंग अनुपात को संतुलित करना, लड़कियों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना और उन्हें समान अधिकार देना है। उन्होंने बताया कि एक समृद्ध और सशक्त समाज की नींव बेटी को बचाने और उसे शिक्षित करने से बनती है। वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं, इसलिए उनकी उच्च शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए, ताकि वे परिवार, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकें।
कार्यक्रम में डॉ. शिखा शर्मा, चिकित्सा अधिकारी ने किशोरियों के लिए सुपोषण, माहवारी स्वच्छता और मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों और मिथकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किशोरियों के स्वच्छता संबंधी व्यवहार और माहवारी के दौरान सफाई के तरीकों पर भी विशेष जोर दिया।
बाल विकास परियोजना अधिकारी हरोली, शिव सिंह ने बताया कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत खंड हरोली में शिशु लिंगानुपात 940 तक पहुंच चुका है, जो इस अभियान की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों को इस दिशा में योगदान देने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान, महिलाओं और किशोरियों को उनके स्वास्थ्य, अधिकारों और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। यह कार्यशाला “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “वो दिन योजना” के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई और लोगों में जागरूकता का संचार किया। इस मौके पर डीपीओ ऊना नरेंद्र कुमार, स्कूल प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार, परियोजना की सुपरवाइजर नीलम सैणी, ब्लॉक कार्डिंनेटर पोषण ज्योति शर्मा सहित स्कूली स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।